India-Bangladesh News / शेख हसीना प्रत्यर्पण पर नया विवाद, भारत को बांग्लादेश रिमाइंडर भेजेगा

शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग पर बांग्लादेश के नए बयान ने विवाद को बढ़ावा दिया है। ढाका ने भारत को ‘रिमाइंडर लेटर’ भेजने की बात कही, जिससे कूटनीतिक तनाव बढ़ सकता है। विश्लेषकों के अनुसार, बांग्लादेश इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

India-Bangladesh News: भारत से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग ने राजनयिक विवाद को एक नया मोड़ दे दिया है। बांग्लादेश सरकार ने 48 घंटे के भीतर एक और बयान जारी करते हुए कहा कि वह भारत को ‘रिमाइंडर लेटर’ भेजेगा। यह कदम विवाद को सुलझाने के बजाय इसे और गहराने की मंशा को दर्शाता है।

डिप्लोमैटिक खेल और भारत पर दबाव बनाने की रणनीति

विश्लेषकों के अनुसार, बांग्लादेश की यूनुस सरकार इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाकर भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। ढाका संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICC) का सहारा लेकर इस मामले को वैश्विक विवाद में बदल सकता है। इसके साथ ही, पाकिस्तान और चीन जैसे भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिशें भी संभावित हैं।

यूनुस सरकार का यह कदम दिखाता है कि वह इस विवाद का उपयोग राजनयिक लाभ अर्जित करने और घरेलू राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कर रही है।

भारत की प्रतिक्रिया: रणनीतिक कदम या सख्त जवाब?

भारत के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है। जहां एक ओर कूटनीतिक बातचीत और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों का समर्थन जरूरी है, वहीं दूसरी ओर, भारत को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ढाका की उकसावे की नीति का प्रभाव उसके संबंधों पर न पड़े।

भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि यह मामला बांग्लादेश की घरेलू राजनीति और आंतरिक विरोधाभासों का हिस्सा है। अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों जैसे साझेदारों का सहयोग प्राप्त करना इस विवाद में अहम भूमिका निभा सकता है।

शेख हसीना के बेटे का बयान और राजनीतिक आरोप

इस बीच, शेख हसीना के बेटे वाजिद ने बांग्लादेश की यूनुस सरकार पर राजनीतिक बदले के लिए न्यायपालिका के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (ICT) का इस्तेमाल हास्यास्पद सुनवाई के जरिए अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है।

वाजिद ने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस सरकार जानबूझकर न्यायपालिका और अभियोजन पक्ष को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नियंत्रित कर रही है।

पृष्ठभूमि: शेख हसीना का भारत में निर्वासन

शेख हसीना 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार के तख्तापलट और बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण उन्होंने भारत में शरण ली थी। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उन्हें और उनकी सरकार के कई अन्य सदस्यों को मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए आरोपी ठहराते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

आगे का रास्ता

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश सरकार इस मुद्दे को सुलझाने की बजाय इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल देकर लाभ उठाना चाहती है। भारत को सतर्क रहकर अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर इस विवाद का समाधान निकालना होगा।

अब सवाल यह है कि क्या भारत इस विवाद को कूटनीतिक वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से हल करेगा, या बांग्लादेश की इन रणनीतियों का कड़ा जवाब देगा?