AMAR UJALA : Jun 27, 2020, 10:06 PM
Indo-China: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद में भले ही तनाव में थोड़ी कमी आई है और दोनों पक्षों के बीच कई स्तर पर बातचीत चल रही है लेकिन दोनों ही तरफ से हथियारों और सेनाओं की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। एक तरफ जहां चीन लगातार एलएसी पर घेराबंदी कर रहा है वहीं दूसरी तरफ भारत भी चीन को हल्के में नहीं ले रहा है और फॉरवर्ड पोस्ट पर सेना को मजबूत कर रहा है।वास्तविक नियंत्रण रेखा के उसपार चीन ने अपनी वायुसेना को तैनात कर रखा है। हाल के दिनों में चीन के सर्विलांस एयरक्राफ्ट सीमा के बेहद करीब तक उड़ते देखे गए हैं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना पर नजर रखने और किसी भी हरकत का निर्णायक जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने भी अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। अब पूरे सेक्टर में एडवांस्ड क्विक रिएक्शन वाली सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है जो पीएलएएफ के किसी भी फाइटर जेट को कुछ ही सेकेंड्स में तबाह कर सकता है।पिछले दो हफ्तों में चीनी वायुसेना ने सुखोई-30 और अपने स्ट्रेटीजिक बॉम्बर्स को एलएसी के पीछे तैनात किया है। उन्हें एलएसी के पास 10 किलोमीटर के दायरे में उड़ान भरते देखा गया है। जिसके बाद एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती का फैसला हुआ। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 'सेक्टर में बदलते हालात के बीच, इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स, दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं ताकि चीनी एयरफोर्स या पीएलएचॉपर्स की किसी गलत हरकत से निपटा जा सके।'आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में 'आकाश' मिसाइलें भी भेजी हैं जो किसी भी तेज रफ्तार एयरक्राफ्ट या ड्रोन को सेकेंड्स में खाक कर सकती हैं। इसमें कई मॉडिफिकेशंस और अपग्रेड किए गए हैं ताकि इसे पहाड़ी इलाकों में भी उसी एक्युरेसी के साथ यूज किया जा सके। भारत को जल्द ही रूस से एस-400 मिलने वाला है। उसके बाद भारत पूरे इलाके की आसानी से हवाई निगरानी कर सकता है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पहले से ही काफी सक्रिय हैं।सूत्रों के मुताबिक, चीनी एयरक्राफ्ट्स को भारतीय एलएसी के बेहद पास से उड़ते देखा गया है। यह स्थिति उन सभी इलाकों चाहे वह सब सेक्टर नॉर्थ (दौलत बेग ओल्डी सेक्टर) हो या गलवां घाटी का पैट्रोलिंग पॉइंट 14, 15, 17 और 17A (हॉट स्प्रिंग्स) में है। इसके अलावा पैंगोंग झील और फिंगर एरिया के पास भी चीनी सेना के विमान उड़ते नजर आए हैं। भारत ने भी सर्विलांस में जो कमी थी, उसे दूर कर लिया है और अब कोई इलाका सुरक्षा बलों की नजर से अछूता नहीं है।पिछले महीने की शुरुआत में जब चीनी सेना ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ शुरू की, तभी भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भेज दिया था।