Vikrant Shekhawat : Aug 21, 2023, 10:59 PM
India-China Border: चीन सीमा पर भारत ने दुनिया की सबसे ऊंची सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है. यह सड़क 19400 फीट ऊंचाई पर बनाई जा रही है, जो निर्माण पूरा होने के बाद अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देगी. यहां पर फाइटर जेट बेस भी बनाया जाएगा, ताकि चीन के साथ यदि कोई आपात स्थिति बनती है तो इस सड़क का प्रयोग कर चीन को हर तरीके से जवाब दिया जा सके.अब तक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क उमलिंग ला में है, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने 19024 फीट पर इसका निर्माण कराया था. यह सड़क खास तौर से सेना के वाहनों की आवाजाही की दृष्टि से तैयार की गयी थी. इस सड़क का निर्माण बीआरओ की महिला अफसर वैशाली एस हिवासे ने किया था. इस सड़क का नाम सबसे ऊंची सड़क के रूप में गिनीज बुक में भी दर्ज है. अब 19400 फीट की ऊंचाई पर बनी लिकारू-मिग ला-फुकचे सड़क इसका रिकॉर्ड तोड़ देगी.चीन सीमा से सिर्फ तीन किमी दूरअब यही संगठन अपना रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर चुका है. नई सड़क लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में बन रही है. बीआरओ ही यह रोड भी बना रहा है. लिकरू-मिग ला-फुकचे के नाम से जानी जाने वाली सड़क रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है. यह एक जगह 19400 फुट की ऊँचाई से होते हुए गुजरेगी. यह उमलंग ला दर्रा कओ पार करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बन जाएगी. इसका रणनीतिक महत्व इससे भी पता चलता है कि यह सड़क चीन सीमा पर बने वास्तविक नियंत्रण रेखा से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है. इस सड़क का निर्माण बीआरओ की महिला इकाई ने शुरू किया है. कर्नल पोनुंग डोमिंग इस दल का नेतृत्व कर रही हैं. कर्नल डोमिंग के साथ अन्य महिला अफसर भी पूरे जोश से इस सड़क के काम में जुटी हैं.एयरफील्ड होगा अपग्रेडइस सड़क निर्माण के साथ ही भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित न्योमा एयर फील्ड को नए सिरे से अपग्रेड किया जा रहा है. इस साल यहां से फाइटर जेट उड़ने लगेंगे. यह हवाई पट्टी 1962 युद्ध के बाद उपयोग में नहीं थी. साल 2009 में इसे अपग्रेडेशन का काम शुरू हुआ था. फिर बंद हो गया. अब अगले कुछ महीनों में इसे तैयार कर लिए जाएगा. यह जगह 14 हजार फुट की ऊंचाई पर है.यह भी जानें
- अरुणाचल प्रदेश में स्थित सेला टनल भी दुनिया का सबसे ऊँचा और बाई लेन टनल है. इसके माध्यम से अरुणाचल प्रदेश में किसी भी मौसम में आवाजाही आसान हो गयी है. यह समुद्र तल से 13700 फुट की ऊँचाई पर बना है.
- सीमा सड़क संगठन यानी बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की स्थापना सात मई 1960 को सीमा पर सड़क, पुल आदि बनाने तथा उनकी देखरेख करने की जिम्मेदारी है. यह भारतीय सेना का अहम सहयोगी संगठन है.