- भारत,
- 02-Apr-2025 01:00 PM IST
Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज अपने बहुप्रतीक्षित टैरिफ नीति की घोषणा करने वाले हैं, जिसे 'रिसिप्रोकल टैरिफ' कहा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने दावा किया है कि भारत अमेरिकी आयात पर लगने वाले टैरिफ को काफी हद तक कम करेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब वैश्विक व्यापार जगत में अस्थिरता बढ़ रही है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित किए जाने वाले 'मुक्ति दिवस टैरिफ' को लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चिंता व्याप्त है। अमेरिका समयानुसार बुधवार शाम 4 बजे (भारत में गुरुवार तड़के) इसकी घोषणा होगी। ट्रंप का कहना है कि उनकी नीतियों के दबाव में भारत सहित कई देश अपने टैरिफ में कमी लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।भारत की रणनीति: वेट एंड वॉच
भारत ने इस स्थिति को लेकर 'वेट एंड वॉच' की नीति अपनाई है। अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है और संभावित प्रभावों का गहन विश्लेषण करने का निर्णय लिया है। भारत सरकार ट्रंप की नीतियों के प्रभाव को कम करने के लिए तीन-स्तरीय योजना (प्लान A, B और C) पर कार्य कर रही है।प्लान A: कूटनीतिक वार्ता और व्यापार समझौते
भारत की प्राथमिक रणनीति अमेरिका के साथ कूटनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने की है। सरकार अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते पर चर्चा कर सकती है, ताकि भारतीय निर्यातकों को संभावित नुकसान से बचाया जा सके।प्लान B: निर्यात का विविधीकरण
यदि ट्रंप प्रशासन भारतीय उत्पादों पर ऊंचा टैरिफ लगाता है, तो भारत अपने निर्यात बाजारों को विविधता प्रदान करने पर ध्यान देगा। यूरोप, दक्षिण एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे नए व्यापार साझेदारों के साथ समझौते किए जा सकते हैं।प्लान C: आयात पर जवाबी टैरिफ
अगर अमेरिका भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाता है, तो भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने पर विचार कर सकता है। यह नीति घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दे सकती है और भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान कर सकती है।किन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर?
- आईटी सेवाएं: अमेरिका भारतीय आईटी कंपनियों के लिए सबसे बड़ा बाजार है। यदि टैरिफ बढ़ाया जाता है, तो इससे भारतीय आईटी कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ सकता है।
- फार्मा उद्योग: भारतीय दवा कंपनियां अमेरिकी बाजार पर अत्यधिक निर्भर हैं। अतिरिक्त टैरिफ के कारण फार्मा सेक्टर को लागत बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर: यदि अमेरिका ऑटोमोबाइल आयात पर टैरिफ बढ़ाता है, तो भारतीय वाहन निर्माताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
- टेक्सटाइल उद्योग: भारत का टेक्सटाइल उद्योग अमेरिका को निर्यात करने में अग्रणी है। टैरिफ में वृद्धि इस क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है।