Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2021, 03:11 PM
टोक्यो: टोक्यो ओलिंपिक में भारत का सफर खत्म हो चुका है। दिव्यांग खिलाड़ियों के महाकुंभ में भारतीए ऐथलीटों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। उसने कुल 19 मेडल जीते। यह अब तक के पैरालिंपिक इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले उसने 1984 और 2016 में 4-4 मेडल जीते थे। पदकों की शुरुआत टेबल-टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने सिल्वर के साथ की थी, जबकि अंत बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने गोल्ड मेडल के साथ किया।5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडलभारतीय टीम ने तोक्यो ओलिंपिक में इस बार 7 मेडल हासिल किए थे, जो उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। उसके बाद टीम इंडिया ने पैरालिंपिक में भी इतिहास रचा। उसने 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल जीते।भाविनाबेन पटेल ने दिलाया पहला मेडलतोक्यो पैरालिंपिक में भारत के मेडलों का खाता खोला भाविनाबेन पटेल ने। उन्होंने टेबल टेनिस में देश को सिल्वर मेडल दिलाया। उन्हें तोक्यो पैरालिंपिक की टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 7-11, 5-11, 6-11 की शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। पैरालिंपिक 2020 में यह भारत का पहला पदक रहा।निषाद ने एशियन रेकॉर्ड के साथ जीता सिल्वरभाविनाबेन के बाद ऐथलेटिक्स में निषाद कुमार ने भी सिल्वर मेडल जीत लिया। ऊंची कूद T47 इवेंट में भाग लेने वाले निषाद ने 2।06 मीटर के साथ रजत पदक अपने नाम किया। पैरालिपिंक सिल्वल मेडल जीतते हुए उन्होंने एशियन रेकॉर्ड की बराबरी भी की। यह निषाद कुमार का व्यक्तितगत बेस्ट प्रदर्शन है।अवनि लेखरा ने दिलाया पहला गोल्डपैरा-शूटर अवनि लेखरा ने देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। जयपुर की रहने वाली इस शूटर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। लेखारा ने फाइनल में 249।6 अंक हासिल किए। उन्होंने वर्ल्ड रेकॉर्ड की बराबरी की। उन्होंने फाइनल में 7वें स्थान के साथ क्वॉलिफाइ किया था और कुल 621।7 अंक हासिल किए थे।योगेश कथूरिया ने जीता डिस्कस थ्रो में सिल्वरयोगेश कथूरिया ने पुरुष डिस्कस थ्रो (F56) में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने अपना बेस्ट थ्रो 44।38 मीटर का किया। कथूरिया से आगे रहे ब्राजील के वर्ल्ड रेकॉर्डधारी बेतिस्ता डोस सैंतोस क्लॉडिने ने 45।59 मीटर का थ्रो किया था। 24 साल के कथूरिया ने दुबई 2019 में पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।जैवलिन में देवेंद्र झाझरिया की चांदीभारत के देवेंद्र झाझरिया ने पुरुषों के जैवलिन थ्रो- एफ46 में सिल्वर मेडल हासिल किया। तोक्यो ओलिंपिक में उन्होंने 64।35 मीटर भाला फेंककर चांदी का तमगा अपने नाम किया। देवेंद्र झाझरिया एकमात्र पैरालंपिक एथलीट हैं जिनके नाम एथलेटिक्स (पुरुष भाला फेंक) में दो स्वर्ण पदक (Gold medal) हैं। उन्होंने अपना पहला गोल्ड 2004 में एथेंस पैरालिंपिक में और दूसरा 2016 में रियो पैरालिंपिक में जीता था।झाझरिया के ही साथ छाए सुंदरसुंदर सिंह गुर्जर ने भी जैवलिन थ्रो- एफ46 में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वह पुरुषों के भाला फेंक के एफ46 स्पर्धा में झाझरिया के बाद तीसरे स्थान पर रहे। एफ46 में एथलीटों के हाथों में विकार और मांसपेशियों में कमजोरी होती है। इसमें खिलाड़ी खड़े होकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं।सुमित अंतिल ने वर्ल्ड रेकॉर्ड के साथ जीता गोल्डभारत के स्टार ऐथलीट सुमित अंतिल ने पुरुषों की भालाफेंक एफ64 स्पर्धा में विश्व रेकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 68।55 मीटर का थ्रो करते हुए इतिहास रचा। भारत का यह दूसरा स्वर्ण रहा।सिंहराज ने ब्रॉन्ज मेडल पर साधा निशानाभारतीय निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पी1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता जो इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में देश का दूसरा पदक रहा। पोलियों से ग्रस्त होने वाले और पहली बार पैरालिंपिक में भाग ले रहे 39 वर्षीय सिंहराज ने कुल 216।8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई थी।मरियप्पन ने हाई जंप में जीता सिल्वरपांच साल पहले रियो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन ने हाई जंप के टी42 वर्ग में 1।86 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ रजत पदक जीता।शरद कुमार के नाम ब्रॉन्ज मेडलहाई जंप के टी42 वर्ग में मरियप्पन के अलावा एक अन्य भारतीय ने पदक हासिल किया। इस स्पर्धा में शरद कुमार ने 1।83 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ कांस्य पदक जीता।प्रवीण ने भी हाई जंप में जीता सिल्वरपैरा-ऐथलीट प्रवीण कुमार ने हाई जंप टी-44 में 2.07 मीटर का जंप लगाते हुए सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने एशियन रेकॉर्ड भी बनाया। नोएडा के 18 वर्षीय पैरा ऐथलीट ने तोक्यो में झंडा गाड़ते हुए सिल्वर मेडल हासिल किया। प्रवीण से पहले ऊंची कूद की टी63 स्पर्धा में भारत के मरियप्पन थंगावेलु ने सिल्वर, जबकि शरद कुमार ब्रॉन्ज मेडल जीता था। टी47 में निषाद कुमार ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ सिल्वर मेडल अपनी झोली में डाला था।अवनि ने जीता अपना दूसरा मेडलपैरा-शूटर अवनि लेखरा ने तोक्यो पैरालिंपिक में इतिहास रचा है। इस 19 वर्षीय भारतीय शूटर ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन SH1 में 445।9 पॉइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस तरह एक ही पैरालिंपिक में उनका दूसरा मेडल है। इससे पहले उन्होंने 10 मीटर राइफल में गोल्ड मेडल हासिल किया था।पैरालिंपिक में मेडल जीतने वाले पहले तीरंदाज बने हरविंदरतीरंदाज हरविंदर सिंह (Harvinder Singh) ने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व इवेंट में भारत को कांस्य पदक दिलाया। हरविंदर ने कोरिया के एमएस किम को हराया। हरियाणा के हरविंदर ने रोमांचक शूट ऑफ मैच मैच में किम को 6-5 से पराजित किया। वह पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने।मनीष ने लगाया सोने पर निशानानिशानेबाज मनीष नरवाल ने भारत की झोली में तीसरा स्वर्ण पदक डाला। उन्नीस वर्ष के नरवाल ने निशानेबाजी मिश्रित 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पैरालिंपिक का रेकॉर्ड बनाते हुए 218.2 स्कोर किया। हरियाणा सरकार ने उनके लिए 6 करोड़ रुपये के इनाम का ऐलान किया।मनीष के साथ सिंहराज भी छाएनिशानेबाजी मिश्रित 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में ही नरवाल के अलावा एक अन्य भारतीय शूटर ने मेडल जीता। सिंहराज सिंह अडाना ने 216।7 अंक बनाकर रजत पदक अपने नाम किया। इसके साथ ही अडाना एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए।प्रमोद भगत ने दिलाया बैडमिंटन में गोल्डबैडमिंटन में प्रमोद भगत ने पुरुष के SL3 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को उन्होंने फाइनल में एकतरफा अंदाज में हराया। 21-14 से पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में ब्रिटिश शटलर ने वापसी की, लेकिन 4-11 से पिछड़ने के बाद प्रमोद ने पलटवार किया और 21-17 से मैच अपने नाम कर लिया। पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था। प्रमोद ने विश्व चैंपियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं।शटलर मनोज सरकार ने दिलाया ब्रॉन्जमनोज सरकार ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता। उन्होंने जापान के दैसुके फुजिहारा को सीधे गेम में 22-20 और 21-13 से हराया। यह मुकाबला 47 मिनट तक चला। पहला गेम 27 मिनट का रहा तो दूसरा गेम 19 मिनट तक चला। मनोज सरकार ने एसएल-3 वर्ग में यह मैच जीता।नोएडा के डीएम सुहाल एलवाई ने रचा इतिहासनोएडा के डीएम और बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज पुरुष एकल एसएल4 क्लास बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के लुकास माजूर से करीबी मुकाबले में हार गए जिससे उन्होंने रजत पदक से अपना अभियान समाप्त किया। नोएडा के जिलाधिकारी 38 वर्षीय यथिराज दो बार के विश्व चैम्पियन माजूर से 62 मिनट तक चले फाइनल में 21-15, 17-21, 15-21 से हार गये। कर्नाटक के यथिराज के टखनों में विकार है।कृष्णा नागर के गोल्ड से खत्म हुआ अभियानबैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने पुरुष एकल एसएच 6 वर्ग के फाइनल में तीन कड़े मुकाबले में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को हराकर बैडमिंटन कोर्ट में आखिरी दिन भारत का दूसरा और कुल पांचवां स्वर्ण पदक जीता। यह भारत का आखिरी मेडल भी रहा। उन्होंने 43 मिनट में चू को 2-1 से हराया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।