US China Trade War / भारत को होगा अमेरिका-चीन ट्रेड वार से फायदा, इस रिपोर्ट ने बढ़ाई ड्रैगन की टेंशन

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बढ़ने से भारत को अपने निर्यात में वृद्धि और अमेरिकी निवेश आकर्षित करने का अवसर मिल सकता है। जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सीनेट में पेश दो विधेयक चीन के व्यापार प्रथाओं को चुनौती देंगे, जिससे भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लाभ होगा।

Vikrant Shekhawat : Oct 05, 2024, 06:00 AM
US China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध का भारत के लिए कई सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। रिसर्च संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति भारत को अपने निर्यात में वृद्धि और अमेरिकी कंपनियों से निवेश आकर्षित करने में मदद कर सकती है।

रिपोर्ट में क्या है?

जीटीआरआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी संसद के उच्च सदन, सीनेट में पिछले महीने पेश किए गए दो विधेयक, स्थायी और सामान्य व्यापार संबंध अधिनियम (पीएनटीआर) और ‘गैर-बाजार शुल्क चोरी उन्मूलन अधिनियम’ (एएनटीई) चीन के साथ व्यापार युद्ध को और तेज कर सकते हैं। इन विधेयकों का पारित होना वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।

इन विधेयकों का मुख्य उद्देश्य चीन की व्यापार प्रथाओं का मुकाबला करना है, जिसमें शुल्क बढ़ाने और नई व्यापार बाधाएं खड़ी करने का प्रावधान है। जीटीआरआई ने बताया है कि पीएनटीआर अधिनियम का लक्ष्य चीन की अनुकूल व्यापार स्थिति को धीरे-धीरे समाप्त करना है, जबकि एएनटीई अधिनियम चीन और रूस जैसी गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

विधेयकों का मकसद

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि इन विधेयकों का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना है। इसके साथ ही, ये विधेयक भारत जैसे देशों के लिए अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को विकसित करने के लिए नए अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि अमेरिकी कंपनियां चीन के विकल्प तलाश रही हैं, ऐसे में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जिससे वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

भारत के लिए नए अवसर

अजय श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि भारत को निर्यात बढ़ाने के लिए चीनी कंपनियों और निवेश को आमंत्रित करने के अपने प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादों पर उच्च शुल्क भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करने का एक अवसर प्रदान कर सकता है।

उनके अनुसार, दोनों विधेयक स्थानीय उद्योगों में वृद्धि की संभावनाएं उत्पन्न करते हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका अपनी चीन पर निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भारत का विस्तारित मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और अन्य उद्योगों में अधिक निवेश आकर्षित कर सकता है।

निष्कर्ष

भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की वजह से व्यापार और निवेश के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। यदि भारत सही रणनीति अपनाता है, तो यह न केवल अपने निर्यात को बढ़ा सकता है, बल्कि अमेरिका की कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित कर अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत कर सकता है। इस समय, भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए यह सुनहरा मौका मिला है।