Bihar Politics / नीतीश के लिए दरवाजे खुले, हम माफ कर देंगे... लालू यादव का बिहार CM को ऑफर

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर से साथ आने का प्रस्ताव दिया है, कहते हुए उनके लिए दरवाजे खुले हैं। बीजेपी ने इसे खारिज करते हुए कहा कि नीतीश अब लालू-तेजस्वी को माफ नहीं करेंगे। तेजस्वी ने दावा किया कि 2025 में नीतीश सरकार की विदाई तय है।

Vikrant Shekhawat : Jan 02, 2025, 03:40 PM
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक चौंकाने वाला प्रस्ताव दिया। लालू यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार उनके साथ आना चाहते हैं, तो उनके लिए "हमारे दरवाजे खुले हैं।" लालू ने आगे कहा, "अगर वह आते हैं, तो हम साथ क्यों नहीं लेंगे। हम मिलकर काम कर सकते हैं। नीतीश कुमार हमेशा भाग जाते हैं, लेकिन हम उन्हें माफ कर देंगे।" इस बयान ने बिहार के सियासी माहौल को गर्मा दिया है, और अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेंगे या इसका विरोध करेंगे।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लालू यादव के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि लालू को अब "सपना देखना" छोड़ देना चाहिए। बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार अब लालू और तेजस्वी यादव को माफ करने के मूड में नहीं हैं, और वह किसी भी स्थिति में आरजेडी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।

भाई वीरेंद्र का बयान: नई गठबंधन की संभावना

लालू यादव के करीबी और आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने भी हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर जनता दल-यूनाइटेड (JDU) भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नाता तोड़ने का इरादा दिखाता है, तो वे नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। भाई वीरेंद्र का यह बयान बिहार की सियासी लड़ाई को और पेचीदा बना सकता है, क्योंकि इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नीतीश कुमार के लिए यह एक कड़ा फैसला होगा।

वीरेंद्र ने यह भी कहा कि बिहार राजनीति में कई ऐसे खेल खेले जा चुके हैं, और भविष्य में ऐसे और खेल खेले जा सकते हैं। इसका मतलब यह हो सकता है कि बिहार के राजनीतिक दृश्य में कुछ बड़ा बदलाव होने की संभावना है, जो अगले कुछ महीनों में सामने आ सकता है।

तेजस्वी यादव का ताजा दावा: "नीतीश कुमार की विदाई तय"

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में अपने बयान से और गर्मी डाल दी है। उन्होंने बुधवार को दावा किया कि नए साल में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की विदाई तय है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोग अब बदलाव चाहते हैं और उन्हें "नई सरकार" की जरूरत है, जो उनकी समस्याओं पर संवेदनशील हो। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का 20 सालों का शासन अब खत्म होने वाला है, क्योंकि "अगर एक ही फसल इतनी देर तक बोई जाए, तो मिट्टी बर्बाद हो जाती है।"

तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीति में नए संघर्ष की ओर इशारा करता है। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि नीतीश कुमार और उनकी सरकार को अलविदा कहा जाए, क्योंकि उनकी सरकार ने लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया है। तेजस्वी ने यह भी स्पष्ट किया कि आरजेडी नए साल में एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार है, जिसमें बिहार के नागरिकों की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और न्याय की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी।

सियासी भविष्य: गठबंधन या टकराव?

बिहार की सियासत अब इस मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां हर राजनीतिक पार्टी और नेता अपने अगले कदम को लेकर सतर्क है। आरजेडी और जेडीयू के बीच के रिश्तों की जटिलता और बीजेपी के साथ संभावित गठबंधन की चर्चा, यह सब आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला हो सकता है। तेजस्वी यादव और भाई वीरेंद्र जैसे नेताओं के बयान यह संकेत देते हैं कि बिहार की राजनीति में जल्द ही कोई बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, और यह केवल आरजेडी और जेडीयू के बीच नहीं, बल्कि बिहार की पूरी राजनीतिक तस्वीर को बदलने वाला हो सकता है।

बिहार में क्या होगा, यह समय ही बताएगा, लेकिन इस राजनीतिक बयानबाजी ने निश्चित रूप से राज्य की राजनीति को नए आयामों पर ला खड़ा किया है।