Vikrant Shekhawat : Jan 08, 2022, 07:39 PM
जोहानिसबर्ग: भारत के खिलाफ तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद साउथ अफ्रीका को 122 रनों की जरूरत थी, जबकि उसके 8 विकेट बचे थे। यहां से सभी भारत की जीत की बात कर रहे थे, वजह थी उसकी अनुभवहीन और कमजोर बैटिंग। लेकिन चौथे दिन कप्तान डीन एल्गर ने जिस अदम्य साहस का परिचय दिया वह काबिले तारीफ है। उन्होंने न केवल टीम को हौसला दिया, बल्कि पासा पलटते हुए भारत को हार के लिए मजबूर कर दिया। इस एतिहासिक जीत की कहानी डीन एल्गर के पिता ने बताई।उन्होंने बताया कि डीन ने तो एक दिन पहले ही भारत के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे लेख में बताया कि तीसरे दिन के बाद हमारी बात हुई थी तो उन्होंने कहा कि आखिरी दम तक लड़ेंगे। आउट करने के लिए भारत को उनके शरीरी में कुछ तोड़ना होगा। उन्होंने कहा, 'बुधवार की रात डीन ने मुझसे कहा- पिताजी! मैं कल खेल के अंत तक वहां रहूंगा। अगर वे मुझे आउट करना चाहते हैं तो मेरे शरीर में कुछ तोड़ना होगा। वे मुझे शरीर पर मारकर आउट नहीं कर पाएंगे। नरक में कोई रास्ता नहीं।'उन्होंने आगे कहा- सुबह जब लक्ष्य 100 से कम हो गया तो मैंने अपनी पत्नी से कहा, 'तुम्हें पता है भारत आज उसे आउट नहीं कर पाएगा। मैं देख सकता था कि वह जोन में था। वह इतना फोकस था कि वह नहीं जानता था कि उसके आसपास क्या हो रहा है। मैं इसे देख सकता था।' मेरी वाइफ ने कहा कि लेकिन अभी भी 100 रन हैं और मैंने कहा- कोई बात नहीं। डीन और टीम इसे जीतने जा रही है।उन्होंने बेटे के पैडिंग करने को लेकर कहा- जब डीन अपने पैड से गेंद खेलता है तब मैं कहता था कि सब ठीक है। यह थोड़ा अजीब है, लेकिन किसी तरह मुझे बताता है कि वह फोकस्ड है। उल्लेखनीय है कि डीन एल्गर (नाबाद 96) की कप्तानी पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने जोहानिसबर्ग टेस्ट में भारत को 7 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ मेजबान टीम ने 3 मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है।भारत की ओर से रखे गए 240 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीकी टीम ने 3 विकेट के नुकसान पर 243 रन बनाए। उसकी ओर रासी वान डुसन ने 40 रन का योगदान दिया जबकि टेंबा बावुमा 23 रन पर नाबाद लौटे।