NDTV : Aug 31, 2020, 01:25 PM
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद (Eastern Ladakh Border Dispute) को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर आ रही है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। यह हालात तब बिगड़े, जब चीनी सैनिकों ने पैंगांग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की। इसके बाद भारतीय जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। भारतीय सेना के मुताबिक चीनी सैनिकों को पीछे धकेला जा चुका है। केंद्र सरकार ने बताया है कि चीनी सेना ने एक बार फिर यहां पर उकसाने की गतिविधि (provocative military movements) करते हुए यथास्थिति में बदलाव (change in status quo) करने की कोशिश की है, उसकी इस कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है।सरकार ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा है, 'चीनी सेना ने यथास्थिति को बदलने के लिए सैन्य गतिविधियां कीं' लेकिन भारतीय सेना को उनकी इस गतिविधि का अंदाजा लग गया और उन्होंने इसे नाकाम कर दिया।' रक्षा मंत्रालय के इस बयान में बताया गया है कि चीनी सेना की ओर से 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात में ये कोशिश की गई थी। इस कार्रवाई में कोई घायल हुआ या नहीं, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी है।रक्षा मंत्रालय के इस बयान में कहा गया है, 'चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक बातचीत में हुए समझौतों का उल्लंघन किया और यथास्थिति को बदलने को कोशिश में उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की हैं।' इसमें कहा गया है, 'भारतीय सेना के जवानों को PLA की गतिविधियों को पैंगॉन्ग त्सो लेक के दक्षिणी तट पर होने वाली इस गतिविधि का पता चल गया और उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए और चीनी इरादों को नाकाम कर दिया।'अपने बयान में रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय सेना बातचीत के जरिए सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हे लेकिन वो 'अपनी सीमाओं की अखंडता को बरकरार रखने के लिए भी उतनी ही दृढ़ है।' सरकार ने बताया है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद को सुलझाने के लिए चुशुल में ब्रिगेडियर कमांडर के स्तर की बातचीत जारी है। NDTV इलाके में भारत की सैन्य रणनीति को लेकर कोई डिटेल सार्वजनिक नहीं कर रहा है।बता दें कि लद्दाख के कई इलाकों में दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। यहां साल की शुरुआत में चीन ने कई जगहों पर अपने कैंप लगा लिए थे। दोनों देशों के बीच मामले को सुलझाने के लिए पांच दौर की बातचीत भी हो चुकी है लेकिन मामला पूरी तरह से सुलझा नहीं है। अब तक की करीब 5-6 दफा कोर कमांडर लेवल पर हुई बातचीत में दोनों देश पहले जैसी स्थिति को वापस लाने पर राजी हुए तो हैं, लेकिन चीन की ओर से जमीनी स्तर पर अपना वादा नहीं निभाया गया है, उल्टे उसने सीमा पर अपनी सैनिकों की तादाद बढ़ाई है। आपको बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिकों ने सरहद की हिफाजत करते हुए जान दे दी थी। वहीं चीन के भी झड़प में 45 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की खबर थी।