देश / 3 साल से चल रहा था चीनी नागरिक का हवाला खेल, पहचान बदल बना भारतीय

हवाला कारोबार में जैसे-जैसे आयकर विभाग की जांच आगे बढ़ रही है, चीनी नागरिक के फर्जीवाड़े सामने आते जा रहे हैं। इस 1000 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार को अंजाम देने वाला चीनी नागरिक भारत में फर्जी पहचान के साथ रुका हुआ था। दरअसल, अब चीनी नागरिक 42 वर्षीय लोउ सांग (Lou Sang) पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है।

AajTak : Aug 13, 2020, 06:57 AM
Delhi: हवाला कारोबार में जैसे-जैसे आयकर विभाग की जांच आगे बढ़ रही है, चीनी नागरिक के फर्जीवाड़े सामने आते जा रहे हैं। इस 1000 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार को अंजाम देने वाला चीनी नागरिक भारत में फर्जी पहचान के साथ रुका हुआ था। दरअसल, अब चीनी नागरिक 42 वर्षीय लोउ सांग  (Lou Sang) पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। पिछले करीब तीन साल ये चीनी नागरिक भारत में फर्जी नाम-पते के सहारे अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा था। जांच में पता चला है कि इसने मणिपुर की एक लड़की से शादी भी की है। 

आयकर विभाग की पूछताछ में पता लगा है कि चीन का लोउ सांग भारत में अपनी पहचान बदलकर रह रहा था। साल 2018 में लाउ सांग को स्पेशल सेल ने धोखाधड़ी और फर्जी पासपोर्ट के मामले में गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में सबूतों की कमी के कारण उसे छोड़ दिया गया था। 

इस हवाला कारोबार का पर्दाफाश होने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस से विवरण मांगा है, यानी अब मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर ईडी का भी शिकंजा कस सकता है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस पूरे घोटाले में अन्य देशों के भी कुछ विदेशी नागरिक शामिल हो सकते हैं।

जांच एजेंसियां अब एक-एक कर इस चीनी नागरिक के फर्जीवाड़े को सामने ला रही है। पुलिस ने 2018 में इसके पास से चार्ली पेंग के नाम पर आधार कार्ड (संख्या 4634 6397 32××) बरामद किया था, जिसमें दिल्ली के सेक्टर-19 द्वारका का पता था। यही नहीं, इसके पास से एक और आधार कार्ड मिला था, जिसमें आधार नंबर पुराने से मैच करता था, लेकिन उसमें पता मणिपुर का था। 

इस चीनी नागरिक के पास चार्ली पेंग के नाम पर एक पैन कार्ड भी बरामद हुआ। जिसमें पिता का नाम धोंडुप पेंग है। इसके अलावा चीनी नागरिक लोउ सांग के पास से दो भारतीय पासपोर्ट भी मिले। दोनों पासपोर्ट के अलग-अलग नंबर हैं और दोनों में नाम भी अलग-अलग हैं। एक पासपोर्ट में चार्ली पेंग नाम है, तो दूसरा वनलरलिंचनी खवलहरी के नाम पर है।

जांच में पता चला है कि लोउ सांग ने हवाला रैकेट को चलाने के लिए पिछले तीन वर्षों में फर्जी भारतीय पहचान पत्रों का सहारा लिया। जांच में पता चला कि चीनी नागरिकों की जाली कंपनियों में 40 से ज्यादा बैंक खाते हैं। इन बैंक खातों की मदद से 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के गैरकानूनी लेन-देन किए गए। 

गौरतलब है कि मंगलवार को आयकर विभाग ने जानकारी दी थी कि हवाला कारोबार को लेकर दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम के 21 ठिकानों पर छापेमारी की गई। सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी में हवाला लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए।

जांच एजेंसी ने बताया कि इस रैकेट में कई चीनी नागरिक, उनके भारतीय सहयोगी और बैंक कर्मचारी शामिल थे। सीबीडीटी ने कहा कि चाइनीज कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियों और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों से भारत में फर्जी बिजनेस करने के नाम पर करीब 100 करोड़ का अडवांस लिया। लेन-देन में हांगकांग और यूएस डॉलर का इस्तेमाल हुआ था। (