Iran Israel Conflict / ईरान ने रूस-चीन का साथ मिलते ही दिखाए तेवर, इजराइल को दी बड़ी धमकी

ईरान अब BRICS का सदस्य बन चुका है, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कजान में हुए शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने रूस और चीन के नेताओं से मुलाकात कर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। रूस और चीन ने ईरान के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकल्प दोहराया है।

Vikrant Shekhawat : Oct 26, 2024, 01:00 AM
Iran Israel Conflict: ईरान अब आधिकारिक तौर पर BRICS समूह का सदस्य बन चुका है, जिससे उसका वैश्विक मंच पर प्रभाव बढ़ने की संभावना है। रूसी शहर कजान में हुई BRICS समिट में, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने विभिन्न देशों के प्रमुखों के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक के दौरान रूस और चीन ने ईरान के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प लिया है, ताकि पश्चिमी देशों के प्रभाव को चुनौती देते हुए एक बहुध्रुवीय विश्व की स्थापना की जा सके।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ईरानी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिनमें व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की योजनाओं पर जोर दिया गया। चीन और रूस ने विशेष रूप से पश्चिमी देशों के दबदबे का मुकाबला करने के उद्देश्य से तेहरान के साथ घनिष्ठ सहयोग की प्रतिबद्धता जताई है। यह कदम अमेरिकी नेतृत्व वाले वैश्विक आदेश को चुनौती देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिससे ईरान का आत्मविश्वास और बढ़ा है।

ईरान की इस नई भूमिका से पश्चिम एशिया की स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई है, खासकर इजराइल के साथ उसके बढ़ते तनाव को देखते हुए। ईरान के IRGC के चीफ कमांडर हुसैन सलामी ने हाल ही में इजराइल को चेतावनी दी कि, उसकी अर्थव्यवस्था जिस तरह से समुद्र पर निर्भर है, उसे किसी भी अंधाधुंध कदम से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने इजराइल में तैनात अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम THAAD की क्षमता पर भी सवाल उठाए, कहते हुए कि इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था इजराइल को पूर्ण सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाएगी।

ईरान ने यह भी संकेत दिया है कि अगर जमीनी ऑपरेशन की स्थिति बनती है तो वह अपने आक्रामक रुख के साथ जवाब देने को तैयार है। IRGC के कमांडर सलामी ने 1982 के ईरान-इराक युद्ध के दौरान हुए ‘ऑपरेशन बैत-अल-मुकद्दस’ का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर परिस्थिति बिगड़ी, तो इजराइल के पास इसका सामना करने का अनुभव नहीं होगा।

हाल के महीनों में इजराइल और ईरान के बीच तनावपूर्ण संबंध और हमास तथा हिजबुल्लाह जैसे संगठनों की गतिविधियाँ पश्चिम एशिया में संघर्ष के बढ़ने की संभावनाओं को और अधिक गहरा रही हैं। ईरान ने सऊदी अरब समेत क्षेत्रीय शक्तियों से भी संपर्क कर संघर्ष को शांत करने के प्रयास किए हैं। इसके साथ ही, खबरें आ रही हैं कि ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अपनी सेना को हर स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।

इस बदलते घटनाक्रम में, BRICS में ईरान की भागीदारी उसे एक नया मंच देती है और रूस एवं चीन के समर्थन से उसे नई रणनीतिक शक्ति प्रदान करती है।