Israel-Iran War: इजराइल द्वारा ईरान पर हाल ही में किए गए हमले के बाद, ईरान ने इसका कड़ा जवाब देने की कसम खाई है। इस स्थिति ने मध्य पूर्व और दुनिया भर में एक नई चिंता पैदा कर दी है। अमेरिकी और अन्य वैश्विक नेताओं ने ईरान को संयम बरतने की सलाह दी है, लेकिन ईरान का रुख इस बार कुछ अलग नजर आ रहा है। ईरानी सांसद इस्माइल कोवसरी के अनुसार, ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (SNSC) ने इजराइल के खिलाफ जवाबी हमले को मंजूरी दे दी है।
पिछले हमले की पृष्ठभूमि
1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर अब तक का सबसे बड़ा मिसाइल हमला किया था, जिसे ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2’ नाम दिया गया था। इस हमले में ईरान ने इजराइली लक्ष्यों पर दो बार में 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरानी अधिकारियों के मुताबिक, यह हमला इजराइल द्वारा किए गए हमलों और महत्वपूर्ण नेताओं की हत्याओं का प्रतिशोध था। इनमें हमास नेता इस्माइल हनीया, हिजबुल्लाह के हसन नसरल्लाह और ईरानी जनरल अब्बास निलफ़ोरुशान की मौतें शामिल थीं।
इजराइल के जवाब में अमेरिकी सुरक्षा उपाय
1 अक्टूबर के इस बड़े हमले के बाद, 26 अक्टूबर को इजराइल ने ईरान पर एक बड़ा हवाई हमला किया। इस हमले में इजराइली वायुसेना ने लगभग 100 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया, जिसमें ईरान के चार सैनिक मारे गए। इस पर ईरान अब ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ लांच करने की योजना बना रहा है। बढ़ते खतरे को देखते हुए, अमेरिका ने इजराइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने अत्याधुनिक THAAD एयर डिफेंस सिस्टम को इजराइल में तैनात कर दिया है, जिससे इजराइल की रक्षा प्रणाली को मजबूती मिली है।
ईरान के भीतर मतभेद
सांसद इस्माइल कोवसरी ने एक ईरानी न्यूज आउटलेट से बातचीत में बताया कि कुछ ईरानी अधिकारी इस समय किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई नहीं करने के पक्ष में हैं। उनके अनुसार, सरकार में कुछ लोग मानते हैं कि ऐसा कदम स्थिति को और अधिक बिगाड़ सकता है। लेकिन कोवसरी का कहना है कि ये लोग जवाबी कार्रवाई के निर्णय में प्रभावी भूमिका नहीं निभाते हैं। SNSC ने लगभग सर्वसम्मति से इस हमले का जवाब देने का फैसला लिया है, और अब यह सवाल उठता है कि यह जवाब कब और कैसे दिया जाएगा।
विश्व स्तर पर चिंता
मध्य पूर्व के इस बढ़ते संघर्ष ने क्षेत्र में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और भी अधिक अस्थिर बना दिया है। ईरान के सांसद के इस बयान के बाद, पूरी दुनिया की नज़रें इस पर टिक गई हैं कि यह संघर्ष किस दिशा में जाएगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात बेकाबू होते हैं तो यह क्षेत्रीय संघर्ष वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
निष्कर्ष
अब सवाल यह है कि ईरान अपने जवाबी हमले को कब और किस प्रकार अंजाम देगा। इजराइल की बढ़ी हुई सुरक्षा व्यवस्था और अमेरिकी हस्तक्षेप के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस स्थिति में आगे क्या होता है। यदि ईरान ने जवाबी हमला किया, तो यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, और इससे निकट भविष्य में वैश्विक स्तर पर तनाव और भी बढ़ सकता है।