FACT CHECK / क्या दूरसंचार विभाग मोबाइल यूजर को 3 मई तक दे रहा फ्री इंटरनेट?

भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा। पत्र सूचना विभाग ने अपने फैक्ट चेक में इस खबर को झूठा करार दिया है। PIB ने कहा- 'भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर्स को 3 मई तक फ्री इंटरनेट देने का कोई ऐलान नहीं किया है। ये दावा बिल्कुल झूठा है। दिया गया लिंक भी फर्जी है। कृपया अफवाहों और जालसाजों से दूर रहें।'

News18 : Apr 23, 2020, 08:19 AM
नई दिल्ली। देश में हर दिन तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों के कारण लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। इस बीच फ्री इंटरनेट को लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय दूरसंचार विभाग की तरफ से मोबाइल यूजर (Mobile Users) को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट दिया जा रहा है। आइए जानते हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर की क्या है सच्चाई:-

क्या है दावा?

वायरल खबर में दावा किया गया है कि भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है। जिसे लेने के लिए आपको दिए गए एक लिंक पर क्लिक करना होगा।

इस खबर को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यूजर्स की प्रतिक्रिया भी आ रही है। लोग भारतीय दूरसंचार विभाग से पूछ रहे हैं कि क्या यह सही है। आप लोग इंटरनेट फ्री दे रहे है?

क्या है हकीकत?

पत्र सूचना विभाग (PIB) ने अपने फैक्ट चेक में इस खबर को झूठा करार दिया है। PIB ने कहा- 'भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर्स को 3 मई तक फ्री इंटरनेट देने का कोई ऐलान नहीं किया है। ये दावा बिल्कुल झूठा है। दिया गया लिंक भी फर्जी है। कृपया अफवाहों और जालसाजों से दूर रहें।'

दावा : भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा

दरअसल, भारत संचार निगम लिमिटेड की आधिकारिक वेबसाइट में पाया कि बीएसएनएल 5 जीबी इंटरनेट मुफ्त दे रहा है, लेकिन यह ऑफर केवल उन मौजूदा लैंडलाइन उपभोक्ताओं के लिए है, जिन्होंने अब तक बीएसएनएल हाईस्पीड ब्रॉडबैंड सर्विसेस नहीं ली हैं। यह ऑफर मोबाइल यूजर्स के लिए नहीं है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।

दूसरंचार विभाग के प्रवक्ता ने भी बताया कि इस संबंध में मंत्रालय की ओर से कोई लेटर जारी नहीं किया गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर जो खबरें चल रही हैं, वो बिल्कुल फर्जी हैं।