New Fiscal Review / क्या सरकारी स्कीम्स बंद हो सकती है, सरकार करने जा रही है रिव्यू

एक हफ्ते बाद नया वित्त वर्ष शुरू होगा, जिसमें केंद्र सरकार कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेगी। मुख्य फोकस खर्च की गुणवत्ता और योजनाओं के प्रभाव पर रहेगा। नीति आयोग अप्रैल में रिपोर्ट पेश करेगा। केंद्र ने सीएसएस के लिए 5.41 लाख करोड़ रुपए का बजट तय किया है।

New Fiscal Review: एक हफ्ते के बाद नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। खासतौर पर केंद्र सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं की व्यापक समीक्षा करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि आगामी वित्त वर्ष में केंद्र और केंद्र प्रायोजित सभी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इस प्रक्रिया में खर्च की गुणवत्ता, फंड्स का उपयोग और प्रत्येक योजना के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा। यह समीक्षा हर पांच साल में नए वित्त आयोग के कार्यकाल से पहले की जाती है, ताकि अनावश्यक योजनाओं को समाप्त कर फंड्स के उपयोग को अनुकूलित किया जा सके।

समीक्षा के मुख्य मानदंड

आधिकारिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समीक्षा में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल होंगे, जिनमें मुख्य रूप से यह देखा जाएगा कि:

  • क्या कोई योजना अपने निर्धारित उद्देश्य को पूरा कर रही है?

  • क्या यह समान राज्य-स्तरीय योजनाओं के साथ ओवरलैप कर रही है?

  • क्या छोटी योजनाओं को मिलाया जा सकता है या चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सकता है?

  • विभिन्न राज्यों द्वारा योजनाओं के कार्यान्वयन का प्रदर्शन कैसा रहा है?

व्यय विभाग ने इस समीक्षा प्रक्रिया के तहत नोडल मंत्रालयों से सुझाव भी मांगे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि विशेष रूप से सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए हैं।

वित्त वर्ष 2026 के लिए केंद्र सरकार की शीर्ष 10 योजनाओं का बजट (करोड़ रुपए में)

योजना का नामबजट
मनरेगा                                                                            86,000
जल जीवन मिशन67,000
पीएम किसान63,500
पीएम आवास योजना (ग्रामीण)54,832
समग्र शिक्षा41,250
नेशनल हेल्थ मिशन37,227
पीएम आवास योजना (अर्बन)23,294
मोडिफाइड इंट्रस्ट सबवेंशन स्कीम22,600
सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण21,960
न्यू एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन स्कीम20,000

अप्रैल में आ सकती है रिपोर्ट

नीति आयोग को उन क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है जहां राज्य सरकारों की योजनाएं केंद्र-प्रायोजित योजनाओं (CSS) के समान हैं। अप्रैल तक एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है, जिसमें यह सिफारिशें दी जाएंगी कि किन योजनाओं को मौजूदा स्वरूप में जारी रखना, संशोधित करना, बढ़ाना, घटाना या बंद करना उचित होगा।

केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं का बजट

प्रमुख केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी), जल जीवन मिशन (JJM) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) शामिल हैं। मार्च 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के युक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्रियों के एक उप-समूह का गठन किया था, जिसके तहत योजनाओं की संख्या 130 से घटाकर 75 कर दी गई।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं का कुल बजट 5.41 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। चालू वित्त वर्ष में यह 5.05 लाख करोड़ रुपये था, जिसे बाद में संशोधित कर 4.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।