Central Government / अब नीरव मोदी, माल्या जैसे देश छोड़कर नहीं भाग सकेंगे डिफॉल्टर्स- सरकार ने लांच किया...

अब विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे अपराधी भारत का पैसा लेकर भाग नहीं पाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 7 जनवरी को भारत पोल पोर्टल लॉन्च किया। इंटरपोल की तर्ज पर बने इस पोर्टल से CBI और राज्य पुलिस विदेशी एजेंसियों से जानकारी साझा कर भगोड़े अपराधियों पर शिकंजा कस सकेंगी।

Vikrant Shekhawat : Jan 09, 2025, 01:00 PM
Central Government: भारत सरकार ने उन अपराधियों पर शिकंजा कसने का मजबूत कदम उठाया है जो देश में अपराध कर विदेश भाग जाते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने 7 जनवरी को सीबीआई का नया पोर्टल 'भारत पोल' लॉन्च किया, जो इंटरपोल की तर्ज पर बनाया गया है। यह पोर्टल ऐसे अपराधियों को पकड़ने और न्याय के कटघरे में लाने में अहम भूमिका निभाएगा।

विदेश भागने वालों का खेल खत्म

विजय माल्या, नीरव मोदी, और मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों ने देश के आर्थिक तंत्र को झकझोर दिया था। ऐसे मामलों ने भारत सरकार को एक मजबूत तंत्र बनाने की जरूरत पर जोर दिया। भारत पोल का उद्देश्य है अपराधियों को किसी भी देश में छिपने की सुविधा से वंचित करना। यह पोर्टल सीबीआई और राज्य पुलिस को वैश्विक स्तर पर तेजी से जानकारी साझा करने में सक्षम बनाएगा, जिससे जांच की प्रक्रिया में गति आएगी।

कैसे करेगा भारत पोल काम?

  • इंटरनेशनल सहयोग: भारत पोल, इंटरपोल के रेड नोटिस को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी आसान होगी।
  • सीबीआई और राज्यों का समन्वय: राज्य पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां अब सीधे भारत पोल का उपयोग कर इंटरपोल से जुड़ सकती हैं। इससे सभी एजेंसियों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान बेहतर होगा।
  • साइबर अपराधों पर लगाम: पोर्टल साइबर अपराधों पर बारीकी से नजर रखेगा और इसे रोकने में बड़ा योगदान देगा।

अपराधियों पर शिकंजा कसने की बड़ी पहल

भारत पोल पोर्टल से भगोड़े अपराधियों के लिए विदेश भागना अब लगभग असंभव हो जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे भारत की आपराधिक जांच प्रक्रिया में एक ऐतिहासिक कदम बताया। पोर्टल इंटरपोल की तरह काम करेगा, लेकिन इसे भारत की जरूरतों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है।

भारत पोल की विशेषताएं

  1. तेजी से कार्रवाई: इंटरपोल की रेड नोटिस प्रक्रियाओं को तेज करने में मदद।
  2. सभी एजेंसियों की भागीदारी: राज्यों की पुलिस और राष्ट्रीय एजेंसियों का एकीकृत तंत्र।
  3. अपराध रोकने की क्षमता: संभावित अपराधों पर पहले से नजर रखी जा सकेगी।