बिज़नेस / टेलीकॉम उद्योग 'गंभीर वित्तीय संकट' से जूझ रहा है: भारती एयरटेल के सीईओ

भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्ठल के अनुसार, भारत में टेलीकॉम उद्योग 'गंभीर वित्तीय संकट' से जूझ रहा है। बकौल विट्ठल, उन्हें उम्मीद है कि सरकार उद्योग को राहत देने के लिए कदम उठाएगी। विट्ठल का बयान उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के वित्तीय संकट से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद आया है।

Vikrant Shekhawat : Aug 05, 2021, 02:53 PM
नई दिल्ली: भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी गोपाल विट्ठल ने आज कहा कि दूरसंचार क्षेत्र गंभीर वित्तीय दबाव झेल रहा है और उद्योग को केंद्र सरकार से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शुल्क दरों में बढ़ोतरी से भी भविष्य में कुछ सुधार दिख सकता है। विट्ठल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज तैयार होने की खबरें आ रही हैं।

भारती एयरटेल ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे की घोषणा की। तिमाही के दौरान कंपनी ने 283.5 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। यह बाजार के अनुमानों से काफी कम रहा। बाजार ने 604 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ का अनुमान जाहिर किया था। कंपनी ने एक साल पहले की समान अवधि में 15,933 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। उस दौरान सकल समायोजित राजस्व के बकाये के लिए एममुश्त प्रावधान से कंपनी को झटका लगा था। जून तिमाही के मुनाफे को अफ्रीका में 17.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 1,279.6 करोउ़ रुपये की टावर परिसंपत्तियों की बिक्री से बल मिला। क्रमिक आधार पर कंपनी का शुद्ध लाभ 63 फीसदी कम रहा।

वित्तीय नतीजा जारी करने के बाद निवेशकों से बातचीत में वि_ल ने कहा कि भारती एयरटेल ने सकल समायोजित राजस्व भुगतान की गणना के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करने के बारे में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जुलाई को सकल समायोजित राजस्व से संबंधित बकाये की गणना में कथित त्रुटियों में सुधार की मांग वाली वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की याचिका को खारिज कर दिया था।

दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन आइडिया पर कुल करीब 58,000 करोड़ रुपये का एजीआर दायित्व निर्धारित किया था। विभाग की गणना वोडाफोन आइडिया की खुद की गणना के मुकाबले करीब 28,700 करोड़ रुपये अधिक है। भारती एयरटेल ने भी विभाग निर्धारित एजीआर दायित्व का विरोध किया है। विभाग ने कंपनी पर कुल 43,980 करोड़ रुपये की देनदारी निर्धारित की है।