Vikrant Shekhawat : Sep 27, 2024, 11:21 PM
Israel-Hezbollah War: हाल ही में इजराइल ने लेबनान के हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर एक महत्वपूर्ण हमला किया है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। यह हमला शुक्रवार को उस समय हुआ जब इजराइली खुफिया एजेंसी को सूचना मिली थी कि हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह अपने मुख्यालय पहुंचने वाले हैं। इस सूचना के बाद इजराइल ने तुरंत कार्रवाई की और नसरल्लाह के पहुंचने के मात्र पांच मिनट बाद ही हेडक्वार्टर पर हमला किया।हमले का उद्देश्य और इजराइली रणनीतिइस हमले में इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के कई प्रमुख कमांडरों को मारने का दावा किया है, जिसमें नसरल्लाह का भाई भी शामिल है। हालांकि, हसन नसरल्लाह की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस समय न्यूयॉर्क में थे, जहां उन्होंने हमले की मंजूरी दी। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि इजराइल अपनी सुरक्षा नीतियों को लेकर कितनी गंभीरता से काम कर रहा है।हमले के पीछे की खुफिया जानकारीद टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, इस हमले से पहले इजराइल ने अमेरिका को जानकारी दी थी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक प्रयास है। आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ हलेवी ने इस हमले के लिए अपनी सेना की सराहना की है, जो दर्शाता है कि इजराइल अपने खुफिया तंत्र और सैन्य क्षमता में कितना भरोसा रखता है।हिजबुल्लाह की प्रतिक्रियाहालांकि हिजबुल्लाह ने अभी तक इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन क्षेत्र में यह संकेत मिल रहे हैं कि हिजबुल्लाह अपनी रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए नसरल्लाह को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है। ईरान की सहायता से उन्हें तुर्की या किसी अन्य मध्य पूर्वी देश में भेजने की योजना बन रही है।क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभावइस हमले ने न केवल लेबनान में सुरक्षा स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में तनाव को भी बढ़ा दिया है। तेल अवीव में सुरक्षा सेंटर्स खोलने का निर्णय दर्शाता है कि इजराइल अपनी सुरक्षा को लेकर कितनी सतर्कता बरत रहा है।इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के बीच, यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जबकि इजराइल ने अपने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है, वहीं हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया और रणनीति भविष्य में महत्वपूर्ण होगी।इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि मध्य पूर्व का राजनीतिक और सैन्य परिदृश्य बेहद जटिल और संवेदनशील है, जहां हर कार्रवाई के पीछे कई छिपे हुए उद्देश्य होते हैं। अब सभी की नजरें हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया और भविष्य की घटनाओं पर होंगी।