Vikrant Shekhawat : Oct 20, 2023, 11:00 AM
Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 के प्रज्ञान रोवर को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि चांद की सतह पर रोवर फिर से एक्टिव हो सकता है. कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान जब एस सोमनाथ से ये पूछा गया कि क्या रोवर फिर से एक्टिव हो जाएगा, इसके जवाब में इसरो चीफ ने कहा कि इसकी पूरी संभावना है.उन्होंने कहा कि ये और बात है कि रोवर चांद की सतह पर फिलहाल स्लिप मोड में है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह फिर से एक्टिव नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि यह चंद्रमा की सतह पर शांति से सो रहा है. इसे अच्छी नीद लेने देते हैं. इसे हम परेशान नहीं करेंगे. इसे जब नींद से जागना होगा, यह खुद उठेगा. हम इसे तंग नहीं करेंगे.चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूराइसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है. इस मिशन के माध्यम से इसके एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा का पता लगाने की कोशिश कर रहा है. इस मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल थे. सभी ने अपने-अपने स्तर से काम पूरा किया. दो सितंबर को रोवर को स्लिप मोड में भेज दिया गया था. विक्रम और रोवर को सुलाने से पहले ही सारे पेलोड्स बंद कर दिए गए थे जिससे कि सुबह होने तक ये ठीक से काम करते रहें.22 सितंबर इसरो ने अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन अभी तक उनसे कोई सिग्नल नहीं मिला है. इससे पहले 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने के बाद, लैंडर तथा रोवर और पेलोड ने एक के बाद एक प्रयोग किए ताकि उन्हें 14 दिन के भीतर पूरा किया जा सके. चांद पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है.23 अगस्त को भारत ने रचा था इतिहासचंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रच दिया था. इसी के साथ भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था. यह इसलिए क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया था. इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ने चांद पर कदम रखा था, लेकिन वे दक्षिणी ध्रुव पर नहीं उतरे सके थे. बता दें कि चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग 4 फेज में हुई थी.