देश / दैनिक भास्कर पर छापेमारी में संपादकीय फैसले लेने के आरोप का आयकर विभाग ने किया खंडन

आयकर विभाग ने दैनिक भास्कर के दफ्तरों पर छापेमारी के दौरान उसके अधिकारियों द्वारा खबरों में बदलाव कराने और संपादकीय फैसले लेने के आरोपों का खंडन किया है। बकौल विभाग, "आरोप पूरी तरह गलत हैं...जांच दल ने सिर्फ टैक्स चोरी से जुड़े वित्तीय लेन-देन देखे थे।" विभाग के अनुसार, दैनिक भास्कर के संपादक ओम गौड़ से पूछताछ नहीं की गई।

Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2021, 12:07 PM
नयी दिल्ली: आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके अधिकारियों ने दैनिक भास्कर मीडिया समूह के कई कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में ‘‘बदलाव के सुझाव’’ दिए।

विभाग ने तीन ट्वीट कर कहा कि इसकी टीम ने छापेमारी के दौरान केवल वित्तीय दस्तावेजों पर गौर किया।

आयकर विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘मीडिया के कुछ हिस्से में आरोप लगाए गए हैं कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने एक खास प्रकाशन के कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में बदलाव के सुझाव दिए और संपादकीय निर्णय लिए।’’

विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘ये आरोप पूरी तरह झूठ हैं और आयकर विभाग इसे पूरी तरह खारिज करता है।’’

इसने कहा कि विभाग के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए जांच दल ने ‘‘समूह के कर अपवंचना से जुड़े केवल वित्तीय लेन-देन को देखा।’’

आयकर विभाग ने ट्वीट में समूह के राष्ट्रीय संपादकों द्वारा कुछ समाचार चैनलों को दिए गए साक्षात्कार का भी जिक्र किया।

विभाग ने कहा, ‘‘मीडिया को दिए साक्षात्कार के मुताबिक श्री ओम गौड़ लखनऊ से जुड़े हुए हैं। यह बताया जाता है कि प्रकाशन के लखनऊ कार्यालय पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी नहीं की।’’

इसने कहा, ‘‘श्री ओम गौड़ से पूछताछ भी नहीं की गई। लगाए गए आरोप निराधार हैं और ये काफी प्रेरित हैं।’’

आयकर विभाग ने दैनिक भास्कर समूह के खिलाफ कई राज्यों में छापेमारी की है। इसने उत्तर प्रदेश के टीवी चैनल भारत समाचार के खिलाफ भी कर अपवंचना के लिए छापेमारी की, जिसका समाज के कई वर्गों ने विरोध किया और इसे लेकर राज्यसभा में भी हंगामा हुआ।