AajTak : Aug 12, 2020, 06:37 AM
Delhi: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ चीनी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की है, जिसमें 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के हवाला ट्रांजेक्शन का पता चला है। खुफिया जानकारी के बाद आयकर विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में ताबड़तोड़ छापे मारे। मिल रही जानकारी के मुताबिक शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हो रही थी। इस रैकेट में कई चीनी नागरिक, उनके भारतीय सहयोगी और बैंक कर्मचारी शामिल थे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने मंगलवार की शाम को यह जानकारी दी।
21 ठिकानों पर छापेमारीआयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम के 21 ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दिया है। हालांकि सीबीडीटी ने कंपनियों का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया है। सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी में हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
छापेमारी में मिले अहम सबूतदरअसल, शुरुआती जांच में 300 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का पता चला। लेकिन यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। यानी इस जांच में आगे कई बड़े खुलासे होने हैं। आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि चीनी नागरिकों के आदेश पर फर्जी कंपनियों के 40 से अधिक बैंक अकाउंट्स में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई गई थी।सीबीडीटी ने कहा है कि चाइनीज कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियों और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों से भारत में फर्जी बिजनस करने के नाम पर करीब 100 करोड़ का अडवांस लिया है। लेनदेन में हांगकांग और यूएस डॉलर का इस्तेमाल हुआ था।
21 ठिकानों पर छापेमारीआयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम के 21 ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दिया है। हालांकि सीबीडीटी ने कंपनियों का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया है। सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी में हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
छापेमारी में मिले अहम सबूतदरअसल, शुरुआती जांच में 300 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का पता चला। लेकिन यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। यानी इस जांच में आगे कई बड़े खुलासे होने हैं। आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि चीनी नागरिकों के आदेश पर फर्जी कंपनियों के 40 से अधिक बैंक अकाउंट्स में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई गई थी।सीबीडीटी ने कहा है कि चाइनीज कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियों और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों से भारत में फर्जी बिजनस करने के नाम पर करीब 100 करोड़ का अडवांस लिया है। लेनदेन में हांगकांग और यूएस डॉलर का इस्तेमाल हुआ था।