Vikrant Shekhawat : Nov 26, 2019, 10:59 AM
मुंबई: अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस ( R Com ) की संपत्ति खरीदने के लिए बोली लगाई गई, दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल और मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, वार्डे कैपिटल और यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (यूवीएआरसीएल) की शुक्रवार को होगी बैठक, सोमावार को आरकॉम ने बोली खोलनी थी और शुक्रवार को कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की बैठक होगी। बैठक में बोलियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। आरकॉम, रिलायंस टेलीकॉम और रिलांयस इंफ्राटेल लिमिटेड के लिए कुल 11 बोलियां आई हैं। वहीं आई स्क्वायर्ड कैपिटल ने अपनी बोली जमा नहीं की है। पहले ये उम्मीद जताई जा रही थी कि आई स्क्वयर्ड कैपिटल आरकॉम के डाटा सेंटर और आप्टिकल फाइबर को खरीदेगी।आरकॉम (R Com) पर करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज-
बता दें कि आरकॉम के ऊपर करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। हालांकि अगस्त में कर्जदाताओं ने 49,000 करोड़ रुपये का दावा जमा किया था। कर्ज में डूबी आरकॉम ने अपनी पूरी संपत्ति बिक्री के लिए रखी है।इतना आंका गया था कंपनी का मूल्य-दिवालिया प्रक्रिया में जाने से पहले कंपनी ने इसका मूल्य 14,000 करोड़ रुपये आकलित किया था, जिसमें 7,000 करोड़ रुपये का टावर कारोबार, 3,000 करोड़ रुपये का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और 4,000 करोड़ रुपये डाटा सेंटर का मूल्य आंका गया था। 11 साल में इतनी घटी संपत्ति-मौजूदा समय में रिलायंस कम्युनिकेशंस दिवालिया कानून की प्रक्रिया से गुजर रही है। 2008 में अनिल अंबानी के पास 42 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जो 11 साल बाद यानी 2019 में घटकर 5230 मिलियन डॉलर यानी करीब 3651 करोड़ रुपये हो गई है। बता दें कि इस संपत्ति में गिरवी वाले शेयर की कीमतें भी शामिल हैं। 30,142 करोड़ का हुआ घाटा, प्राइवेट सेक्टर इन दिनों मंदी की जबरदस्त मार झेल रहा है। कई मल्टीनेशनल कंपनियों पर आर्थिक मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में देश की अग्रणी कंपनियों में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस भी इससे अछूती नहीं है। कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को जुलाई-सितंबर की तिमाही में करीब 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। उच्चतम न्यायालय द्वारा सांविधिक बकाये पर फैसले के मद्देनजर देनदारियों के लिए प्रावधान की वजह से कंपनी का घाटा इतना ज्यादा पहुंच गया है।
बता दें कि आरकॉम के ऊपर करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। हालांकि अगस्त में कर्जदाताओं ने 49,000 करोड़ रुपये का दावा जमा किया था। कर्ज में डूबी आरकॉम ने अपनी पूरी संपत्ति बिक्री के लिए रखी है।इतना आंका गया था कंपनी का मूल्य-दिवालिया प्रक्रिया में जाने से पहले कंपनी ने इसका मूल्य 14,000 करोड़ रुपये आकलित किया था, जिसमें 7,000 करोड़ रुपये का टावर कारोबार, 3,000 करोड़ रुपये का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और 4,000 करोड़ रुपये डाटा सेंटर का मूल्य आंका गया था। 11 साल में इतनी घटी संपत्ति-मौजूदा समय में रिलायंस कम्युनिकेशंस दिवालिया कानून की प्रक्रिया से गुजर रही है। 2008 में अनिल अंबानी के पास 42 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जो 11 साल बाद यानी 2019 में घटकर 5230 मिलियन डॉलर यानी करीब 3651 करोड़ रुपये हो गई है। बता दें कि इस संपत्ति में गिरवी वाले शेयर की कीमतें भी शामिल हैं। 30,142 करोड़ का हुआ घाटा, प्राइवेट सेक्टर इन दिनों मंदी की जबरदस्त मार झेल रहा है। कई मल्टीनेशनल कंपनियों पर आर्थिक मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में देश की अग्रणी कंपनियों में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस भी इससे अछूती नहीं है। कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को जुलाई-सितंबर की तिमाही में करीब 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। उच्चतम न्यायालय द्वारा सांविधिक बकाये पर फैसले के मद्देनजर देनदारियों के लिए प्रावधान की वजह से कंपनी का घाटा इतना ज्यादा पहुंच गया है।