बिहार / शादी के महज पांच दिन बाद ही दुल्हन अपनी बुआ के बेटे के ही साथ फरार हो गई

कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। यदि कोई इश्क के जुनून के लिए गिरता है, तो वह न तो उम्र देखता है, और न ही रिश्ते और समाज को मानता है। अगर प्यार का इज़हार हद से आगे बढ़ जाता है, तो यह रिश्ते की गरिमा को भी बनाए रखता है। ऐसी ही एक घटना बिहार के गोपालगंज जिले में सामने आई है, जहां शादी के पांच दिन बाद ही दुल्हन अपनी मौसी के बेटे के साथ रहने लगी। मामला मानगढ़ थाना क्षेत्र से जुड़ा है।

Bihar: कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। यदि कोई इश्क के जुनून के लिए गिरता है, तो वह न तो उम्र देखता है, और न ही रिश्ते और समाज को मानता है। अगर प्यार का इज़हार हद से आगे बढ़ जाता है, तो यह रिश्ते की गरिमा को भी बनाए रखता है। ऐसी ही एक घटना बिहार के गोपालगंज जिले में सामने आई है, जहां शादी के पांच दिन बाद ही दुल्हन अपनी मौसी के बेटे के साथ रहने लगी। मामला मानगढ़ थाना क्षेत्र से जुड़ा है।

परिवार के मुताबिक, शादी से पहले लड़की का अपनी मौसी के लड़के के साथ अफेयर था। जब लड़की की सगाई हुई तो अगले दिन लड़की उसके साथ भाग गई। लेकिन जांच के बाद, वह वापस लौट आई। लेकिन शादी के पांच दिनों के बाद, वह फिर से अपने प्रेमी के साथ भाग गई।

महिला का पति अपनी फरार दुल्हन को खोजने के लिए बार-बार मंझगढ़ थाने के चक्कर लगाता रहा, लेकिन पुलिस उसकी नहीं सुन रही थी। सारण डिवीजन के डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद, पीड़ित की शिकायत सुनी गई और पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। उनकी शिकायत के आधार पर, तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पीड़ित पति ने कहा कि मेरी शादी 22 फरवरी, 2021 को मंजूरगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के एक गाँव की लड़की से हुई थी। शादी से पहले, उसके घर के लोग हमारी सगाई कर चुके थे, शादी के दूसरे दिन वह अपनी मौसी के बेटे के साथ भाग गई थी । लेकिन वह जांच के बाद वापस आ गई। इसके बावजूद, मैंने उसके माता-पिता के अनुरोध पर शादी कर ली। हमने 22 फरवरी को बिना दहेज के शादी की, लेकिन 27 फरवरी को फिर से उसी लड़के के साथ भाग गई।

पीड़िता के मुताबिक, उसने इस मामले को लेकर अपने परिवार के तीन अन्य सदस्यों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखाई है। हम मांग करते हैं कि पुलिस मेरी पत्नी को बरामद करे और उन्हें मेरे हवाले करे। पीड़ित का यह भी आरोप है कि उसके भागने के बाद, उसे बार-बार पुलिस स्टेशन जाना पड़ा। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के लिए पैसे भी लिए लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की। डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।