US Presidential Election / कमला हैरिस का चुनाव में दिवाली दांव, ऐसे की भारत की बात, बताई अपनी कहानी

अमेरिकी उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने दिवाली मनाते हुए अपने भारतीय जड़ों को याद किया। उन्होंने अपनी मां और भारत के साथ जुड़ी यादें साझा कीं। हैरिस ने दक्षिण एशियाई समुदाय की समस्याओं और हेल्थकेयर सुधार का वादा किया। साथ ही, ट्रंप प्रशासन की नीतियों की भी आलोचना की।

Vikrant Shekhawat : Nov 03, 2024, 09:22 AM
US Presidential Election: अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनज़र वर्तमान उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने हाल ही में दिवाली का पर्व मनाया। इस दौरान, उन्होंने न केवल दिवाली के महत्व पर बात की, बल्कि भारत और अपने बचपन के अनुभवों का भी भावुक ज़िक्र किया। कमला हैरिस ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें और उनकी बहन को भारतीय संस्कृति और विरासत के साथ जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने साझा किया कि लगभग हर दूसरे साल वह दिवाली मनाने के लिए भारत जाया करती थीं, जहाँ वे अपने नाना-नानी और मामा के साथ समय बिताती थीं।

भारतीय विरासत और दिवाली का महत्व

कमला हैरिस ने 'द जैगरनॉट' नामक दक्षिण एशियाई प्रकाशन के ऑप-एड में दिवाली के दौरान अपनी भावनाओं का इज़हार किया। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति निवास में दिवाली का आयोजन करना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि दिवाली सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि दक्षिण एशियाई अमेरिकी प्रवासियों के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विरासत का भी जश्न है। इस अवसर पर उन्होंने अपनी मां का ज़िक्र करते हुए बताया कि 19 साल की उम्र में उनकी मां अकेले भारत से अमेरिका आईं और उन्होंने कैंसर रिसर्च के क्षेत्र में भी अपना जीवन समर्पित किया। उनकी मां के संघर्ष ने कमला और उनकी बहन को अपनी विरासत के प्रति गर्व महसूस करना सिखाया।

लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर नानाजी की सीख

कमला हैरिस ने अपने नाना पी.वी. गोपालन का भी ज़िक्र किया, जो एक सेवानिवृत्त सिविल सेवक थे। उन्होंने कहा कि बचपन में जब वे भारत आतीं, तो अपने नाना से लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के महत्व की कहानियां सुना करती थीं। यह उनकी पहली सीख थी, जिसने उनके भीतर नागरिक सेवा में रुचि पैदा की। उन्होंने बताया कि नानाजी की सिखाई बातें आज भी उनके उपराष्ट्रपति के रूप में और राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में मार्गदर्शन कर रही हैं। कमला का मानना है कि अमेरिकी लोगों को ऐसा नेतृत्व चाहिए जो हर नागरिक के लिए काम करे, और यही उनके पूरे करियर का आधार भी रहा है।

स्वास्थ्य सेवा और मेडिकेयर पर प्रतिबद्धता

अपने ओप-एड में कमला हैरिस ने अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की बात कही, खासतौर पर दक्षिण एशियाई अमेरिकी नागरिकों के लिए, जिन्हें अक्सर हेल्थ केयर सिस्टम नजरअंदाज कर देता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मिलकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए इंसुलिन की कीमतें सीमित करने और दवाओं की लागत घटाने के लिए उन्होंने प्रयास किए हैं। कमला हैरिस ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं, तो मेडिकेयर का विस्तार कर घरेलू देखभाल को कवर करेंगी, ताकि बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने अपनी मां के कैंसर के दौरान की गई देखभाल का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह देखभाल के बोझ को समझती हैं और इसे कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ट्रंप पर हमला और अप्रवासन नीति पर विचार

कमला हैरिस ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने विरोधी, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ट्रंप के विपरीत, जो तानाशाही प्रवृत्तियों वाले नेताओं से सहानुभूति रखते हैं, वह अमेरिका की सुरक्षा और उसके आदर्शों की रक्षा करने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीतियाँ महंगाई बढ़ाएंगी और उनकी “ट्रंप बिक्री कर” जैसी योजना आम अमेरिकी परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ डालेगी। इस कर का असर अमेरिकी परिवारों पर हर साल औसतन $4,000 का अतिरिक्त खर्च डाल सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और कमजोर होगी।

कमला हैरिस ने अप्रवासन नीति पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वह डेमोक्रेट, रिपब्लिकन, और निर्दलीय नेताओं के साथ मिलकर अमेरिका को एक गर्वित अप्रवासी देश बनाए रखने के लिए काम करेंगी। साथ ही, उन्होंने भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों के साथ संबंधों को और मजबूत बनाने का भी वादा किया।

निष्कर्ष

कमला हैरिस ने दिवाली के इस अवसर पर अपनी जड़ों और अपने परिवार के अनुभवों का भावनात्मक रूप से ज़िक्र करते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति और अपने नानाजी की सीख ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुँचाया है। अपने ओप-एड में उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह संदेश दिया कि वह एक ऐसी नेता हैं, जो अपनी जड़ों से जुड़ी हुई हैं और जो सभी अमेरिकियों के अधिकारों और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।