Vikrant Shekhawat : Sep 11, 2024, 03:40 PM
US Presidential Debate: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में प्रेसिडेंशियल डिबेट का महत्व अत्यधिक होता है। ये डिबेट न केवल राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता के बीच उत्सुकता का केंद्र बनती है, बल्कि यह चुनाव के परिणामों की दिशा भी निर्धारित कर सकती है। हाल ही में, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट ने फिर से इस महत्वपूर्ण राजनीतिक परंपरा को सुर्खियों में ला दिया है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस डिबेट में किसकी जीत हुई और इसे कैसे मापा जाता है।डिबेट में कौन जीता: कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप?CNN और SSRS द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, डिबेट देखने वाले अधिकांश दर्शकों ने कमला हैरिस की जीत को मान्यता दी है। सर्वे के परिणामों के अनुसार, 63 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कमला हैरिस ने डिबेट में जीत हासिल की, जबकि केवल 37 प्रतिशत लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप की जीत का समर्थन किया। यह आंकड़ा डिबेट के बाद की प्रतिक्रिया को दर्शाता है, और यह दर्शाता है कि किस तरह से दर्शकों ने दोनों उम्मीदवारों के प्रदर्शन को देखा।यह दिलचस्प है कि इसी सर्वे का आंकड़ा पूर्व के डिबेट्स से भिन्न है। जून में बाइडेन और ट्रंप के बीच हुए डिबेट में, 67 प्रतिशत लोगों ने ट्रंप को विजेता मानते हुए अपने समर्थन की पुष्टि की थी, जबकि केवल 33 प्रतिशत लोगों ने बाइडेन को विजेता माना था। यह बदलाव दर्शाता है कि हर डिबेट के परिणाम और सार्वजनिक धारणा पर कितना प्रभाव डालता है।हार-जीत का निर्धारण कैसे किया जाता है?अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट की हार-जीत को मापने के लिए चार मुख्य पैरामीटर्स होते हैं:न्यूज चैनल और पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: डिबेट के बाद, न्यूज़ चैनल और राजनीतिक विश्लेषक डिबेट के दौरान उम्मीदवारों के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं। इसमें उम्मीदवारों की बॉडी लैंग्वेज, उनके चेहरे का हाव-भाव, जवाब देने की टाइमिंग, और उनके दावों की सच्चाई का मूल्यांकन शामिल होता है। यह दृष्टिकोण डिबेट की सफलता या असफलता को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।ओपिनियन पोल्स: डिबेट के तुरंत बाद न्यूज़ चैनल्स और सर्वे एजेंसियां ओपिनियन पोल्स आयोजित करती हैं। ये पोल्स दर्शाते हैं कि दर्शकों की धारणा डिबेट के बाद किस ओर झुकी है। पोल्स का परिणाम डिबेट के नतीजों की दिशा को प्रभावित करता है।वोटिंग इंटेंशन सर्वे: यह सर्वे यह देखता है कि डिबेट के बाद लोगों की वोटिंग इंटेंशन में कोई बदलाव आया है या नहीं। अगर डिबेट के बाद किसी उम्मीदवार के समर्थन में वृद्धि होती है, तो यह उसकी जीत की ओर संकेत कर सकता है।सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स (पूर्व ट्विटर), फेसबुक, और इंस्टाग्राम पर लोगों की प्रतिक्रियाओं को भी मापा जाता है। सोशल मीडिया पर जारी चर्चाओं और रिएक्शंस से पता चलता है कि लोगों का समर्थन किस ओर है।इन चारों पैरामीटर्स का विश्लेषण मिलकर तय करता है कि डिबेट में किस उम्मीदवार ने सफलता प्राप्त की है और किसने हार का सामना किया है। अमेरिका की राजनीति में प्रेसिडेंशियल डिबेट की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और यह चुनाव के परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।