Zee News : Sep 20, 2020, 03:52 PM
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के नाम एक खास संदेश लिखा और अपने इस नोट में उन्हें BMC को राज्य सरकार का 'पालतू' कहकर बुलाया। कंगना ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज में इमारतों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में मुंबई नगर निगम अधिनियम 1888 की धारा 351 में उल्लेखित नियमों का जिक्र किया।
इसमें लिखा गया, 'इमारतों की संरचना को नुकसान पहुंचाने के संबंध में नगर निगम के नियम- व्यक्ति विशेष को 15 दिनों का नोटिस दिए जाने के बाद ही इमारत की संरचना ढहाई जा सकती है। संरचना अवैध होने पर भी उसे तोड़ते वक्त अगर नगर निगम नियमों का उल्लंघन करता है, तो उन्हें कुछ मुआवजे का भुगतान करना पड़ता है और जिन भी ऐसे मामलों में मुआवजे का भुगतान किया है, उनकी वसूली उन अधिकारियों से की जाती है, जिन्होंने कानून का उल्लंघन किया है।'
कंगना रनौत ने मुआवजे में मांगे दो करोड़ रुपये आपको बता दें कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अपने ऑफिस का कथित अवैध हिस्सा ढहाये जाने को लेकर दो करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय में दायर अदाकारा की। 9 सितंबर को बीएमसी ने कगंना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी। रनौत के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद उसी दिन अदालत ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 15 सितंबर को रनौत ने अपनी संशोधित याचिका में बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मुआवजे के रूप में दो करोड़ रुपये की मांग की थी।
इसमें लिखा गया, 'इमारतों की संरचना को नुकसान पहुंचाने के संबंध में नगर निगम के नियम- व्यक्ति विशेष को 15 दिनों का नोटिस दिए जाने के बाद ही इमारत की संरचना ढहाई जा सकती है। संरचना अवैध होने पर भी उसे तोड़ते वक्त अगर नगर निगम नियमों का उल्लंघन करता है, तो उन्हें कुछ मुआवजे का भुगतान करना पड़ता है और जिन भी ऐसे मामलों में मुआवजे का भुगतान किया है, उनकी वसूली उन अधिकारियों से की जाती है, जिन्होंने कानून का उल्लंघन किया है।'
कंगना रनौत ने मुआवजे में मांगे दो करोड़ रुपये आपको बता दें कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अपने ऑफिस का कथित अवैध हिस्सा ढहाये जाने को लेकर दो करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय में दायर अदाकारा की। 9 सितंबर को बीएमसी ने कगंना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी। रनौत के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद उसी दिन अदालत ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 15 सितंबर को रनौत ने अपनी संशोधित याचिका में बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मुआवजे के रूप में दो करोड़ रुपये की मांग की थी।