Karnataka Government / कर्नाटक में हिजाब पहनकर देंगी परीक्षा- मुस्लिम छात्राओं को बड़ी राहत

कर्नाटक सरकार ने हिजाब को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाजत दी है. सरकार के इस फैसले के बाद छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा दे सकेंगी. हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य के शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने एक समीक्षा बैठक की थी. बैठक में सभी बातों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया कि परीक्षा के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की

Vikrant Shekhawat : Oct 23, 2023, 12:26 PM
Karnataka Government: कर्नाटक सरकार ने हिजाब को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाजत दी है. सरकार के इस फैसले के बाद छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा दे सकेंगी. हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य के शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने एक समीक्षा बैठक की थी. बैठक में सभी बातों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया कि परीक्षा के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए.

इस मामले में शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर का कहना है कि कुछ लोग हिजाब को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, ये लोग परीक्षा में हिजाब पहनकर आने पर आपत्ति जताकर माहौल को खराब करने के साथ ही भ्रम पैदा करना चाहते हैं. इसके आगे शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी लोगों की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर ही सरकार ने ये फैसला किया है. उन्होंने कहा कि नीट की परीक्षा में भी हिजाब पहनकर पेपर देने की अनुमति है. कोई भी शख्स अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनकर परीक्षा दे सकता है. उस पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं होगी.

2022 में हिजाब पर मचा था बवाल

गौरतलब है कि हिजाब पहनने को लेकर कर्नाटक में काफी बवाल मचा था. 2022 में उडुपी जिले के पीयू सरकारी कॉलेज में प्रशासन ने हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं पर रोक लगा दी गई थी. उन्हें कॉलेज के अंदर दाखिल होने की इजाजत नहीं दी थी. इस बात को लेकर काफी हंगामा मचा था. कॉलेज के फैसले के खिलाफ छात्राओं ने कॉलेज के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था.

सड़कों पर हुआ था विरोध प्रदर्शन

कॉलेज के इस फैसले ने तूल पकड़ लिया. उडुपी के कई कॉलेजों में छात्र भगवा रंग का स्कार्फ गले में लपेटकर जाने लगे थे. धीरे-धीरे मामला कर्नाटक के दूसरे हिस्सों में भी फैल गया था. जिसको लेकर लोग सड़क पर उतर आए थे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया था.वहीं इस मामले को लेकर कर्नाटक की राजनीति भी गरमा गई थी.