Vikrant Shekhawat : Jun 27, 2024, 08:39 AM
William Ruto: केन्या की सरकार ने ज्यादा टैक्स वसूलने के लिए एक कानून बनाया। कानून के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया। प्रदर्शनकारी संसद तक में घुस गए और जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में 22 लोगों की मौत भी हो गई। देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि केन्या की सरकार को जनता के सामने घुटने टेकने पड़े। अब सरकार टैक्स कानून वापस लेने का ऐलान किया है। 'केन्या के लोगों का फैसला स्वीकर करता हूं'केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि वह उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद विवादास्पद कर वृद्धि वाले वित्त विधेयक को वापस ले रहे हैं। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि केन्याई लोग इस विधेयक को नहीं लाना चाहते, उन्हें यह मंजूर नहीं है। मैं उनके फैसले के आगे सिर झुकाता हूं और उनके फैसले को स्वीकर करता हूं। मैं इस विधेयक पर दस्तखत नहीं करूंगा।युवाओं के साथ करेंगे बातचीतइस बीच बता दें कि, केन्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार टैक्स कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में कम से कम 22 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। राष्ट्रपति रुटो ने कहा कि वह अब युवाओं के साथ बातचीत करेंगे, उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे कि आखिर इस तरह के कानून देश के लिए कितने जरूरी हैं। कानून के खिलाफ जब विद्रोह शुरू हुआ, तो शुरुआत में राष्ट्रपति रूटो ने इसे ताकत के दम पर कुचलना चाहा, लेकिन जब प्रदर्शनकारी संसद में घुस गए, आगजनी शुरू कर दी तो उन्हें झुकना पड़ा। बिगड़ गए हालात केन्या में हालात किस कदर बिगड़ गए थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, राष्ट्रपति रूटो ने 24 घंटे से भी कम समय में दो बार राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि टैक्स बढ़ाना देश के लिए कितना जरूरी था। देश 80 बिलियन डॉलर के कर्ज में डूबा हुआ है, उसके राजस्व का 35 फीसदी हिस्सा सिर्फ इसका ब्याज चुकाने में जा रहा है। अगर हम कुछ कर्ज चुकाने में सफल रहते तो किसानों, छात्रों और शिक्षकों को लाभ होता। हालांकि, बाद में राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि लोग उनके साथ नहीं हैं।
Kenyan President withdraws 'controversial' finance bill after deadly protests
— ANI Digital (@ani_digital) June 26, 2024
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