देश / जानिए कितने घातक हो सकते हैं रासायनिक हथियार, ये अभी कितने देशों के पास हैं?

29 अप्रैल का दिन कोई आम दिन नहीं है। बात अगर रासायनिक हथियारों और मानव जाति की सुरक्षा की हो तो ये दिन एक महत्वपूर्ण दिन है। 29 अप्रैल, 1997 को रासायनिक हथियार निषेध संगठन अस्तित्व में आया। रासायनिक हथियार निषेध संगठन यानी ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर प्रोहिबिशन ऑफ़ केमिकल वेपंस एक स्वतंत्र संस्था है, जो संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम करता है।

Zee News : Apr 29, 2020, 04:47 PM
दिल्ली: 29 अप्रैल का दिन कोई आम दिन नहीं है। बात अगर रासायनिक हथियारों और मानव जाति की सुरक्षा की हो तो ये दिन एक महत्वपूर्ण दिन है। 29 अप्रैल, 1997 को रासायनिक हथियार निषेध संगठन (Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons—OPCW) अस्तित्व में आया।

रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW)-

रासायनिक हथियार निषेध संगठन यानी ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर प्रोहिबिशन ऑफ़ केमिकल वेपंस(OPCW) एक स्वतंत्र संस्था है, जो संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम करता है। ये संगठन Chemical Weapons Convention(CWC) यानी रासायनिक हथियार संधि के प्रावधानों को क्रियान्वित करती है। यह संस्था दुनिया भर में रासायनिक हथियारों को नष्ट करने और उनकी रोकथाम के लिये काम करती है। यह रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल, उत्पादन एवं भंडारण को निषेध करती है। इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है। आज 192 देश इसके सदस्य है, जिनमें सीरिया भी शामिल है।

CWC का उद्देश्य 

CWC में चार मुख्य प्रावधान हैं। सभी रासायनिक हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय निगरानी में नष्ट किया जाए। रासायनिक उद्योग पर नजर रखना जिससे दोबारा रासायनिक हथियार न बनने लगें। रासायनिक हथियार के खतरों से देशों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करना और संधि के प्रावधानों को लागू करने में सभी देशों का सहयोग लेना व रसायनों के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना।


CWC में किये गये निषेध

रासायनिक हथियारों का निर्माण, उत्पादन, अधिग्रहण और भंडारण करना।

रासायनिक हथियारों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से स्थानांतरित करना।

रासायनिक हथियारों का सैन्य प्रयोग करना।

संधि द्वारा निषिद्ध गतिविधियों में अन्य देशों को लिप्त करना या सहायता पहुंचाना या प्रोत्साहित करना।


क्या होते हैं रासायनिक हथियार

जब किसी घातक रसायन को इस्तेमल हथियार के रूप में किया जाता है तो वो रासायनिक हथियार कहलाता है। यानी कैमिकल वेपन, जिनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर जीवन खत्म करने के लिए किया जाता है। इन्हें वेपन्स ऑफ मास डिस्क्ट्रक्शन की श्रेणी में रखा जाता है। इसमें जहरीली गैस या अन्य जहरीले पदार्थ का हमला किया जाता है। वास्तव में इससे डरने की जरूरत है क्योंकि ये पल भर में ही हजारों-लाखों लोगों को मौत की नींद सुला सकते हैं। 

इन रासायनिक हथियारों का प्रभाव तब तक बना रहता है जब तक कि हवा को साफ नहीं कर दिया जाता। ठोस, तरल और गैसीय रूप में रासायनिक हथियार व्यापक रूप में फैल सकते हैं। रासायनिक हथियार के कुछ उदाहरण हैं- मस्टर्ड गैस, सरीन, क्लोरीन, हाइड्रोजन साइनाइड और टीयर गैस।