देश / Ration Card बनाने से पहले यह नियम जान लें, वरना हो सकती है 5 साल की सजा

राशन कार्ड भारत सरकार की एक मान्यताप्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट है। राशन कार्ड की सहायता से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न (गेहूं, चावल और दाल) बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं। भारत में आम तौर पर तीन प्रकार से राशन कार्ड बनते हैं। जो एक पहचान पत्र का भी काम करता है, लेकिन अगर आप गलत डॉक्यूमेंट्स के साथ राशन कार्ड बनाते हैं

News18 : Sep 10, 2020, 07:46 AM
नई दिल्ली। राशन कार्ड (Ration Card) भारत सरकार (Central Gov।) की एक मान्यताप्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट (Official Document) है। राशन कार्ड की सहायता से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न (गेहूं, चावल और दाल) बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं। भारत में आम तौर पर तीन प्रकार से राशन कार्ड बनते हैं। गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल (APL), गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल (BPL) और सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्‍त्योदय (Antyodaya)। राज्य सरकारें अपने नागरिकों को राशन कार्ड जारी करती हैं, जो एक पहचान पत्र का भी काम करता है, लेकिन अगर आप गलत डॉक्यूमेंट्स के साथ राशन कार्ड बनाते हैं तो आपको जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।


फर्जी राशन कार्ड को लेकर सरकार सख्त

भारत सरकार के फूड सिक्योरिरटी एक्ट के तहत अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनाते हैं तो आपको पांच साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। इसलिए अगर आप राशन कार्ड बनाते हैं तो सही जानकारी ही खाद्य विभाग को दें। अगर सही जानकारी आप नहीं देते हैं तो आपको पछताना भी पड़ सकता है। भारत सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारें अपने जरूरतमंद नागरिकों को सब्सिडी के तहत अनाज उपलब्ध कराती है। इसलिए अगर आप गलत जानकारी दे कर दूसरे नागरिक का हक मारते हैं तो आपको सजा भी हो सकती है।


केंद्र सरकार की है महत्वाकांक्षी योजना

बता दें कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में वन नेशन वन राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी सुविधा लागू कर चुकी है। अब तक इस सुविधा से देश के 26 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हो चुके हैं। इस सुविधा के जरिए उपभोक्ताओं को अब दूसरे राज्यों में भी राशन मिल सकता है। इसके लिए अब उस व्यक्ति का उस राज्य का निवासी होना जरूरी नहीं है। केन्द्र सरकार के इस फैसले से देश के लोगों को अब किसी भी राज्य में राशन आसानी से मिल सकता है। खासकर गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए केंद्र सरकार की यह योजना काफी कारगर है। विशेष परिस्तिथियों में जैसे बाढ़, भूंकप और कई तरह के आपदाओं में केंद्र सरकार की योजना आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित है।

पांच साल की सजा के हैं प्रावधान 

राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होता है, लेकिन लोग गरीबी रेखा से नीचे या अंत्योदय योजना का राशन कार्ड बनवाने के लिए गलत दस्तावेज जमा कर देते हैं। भारत सरकार के फूड सिक्योरिटी एक्ट में फर्जी राशन कार्ड बनवाना एक दंडनीय अपराध है। अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनवाने के दोषी पाए जाते हैं तो आपको पांच साल की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके साथ ही अगर कार्ड बनवाने के लिए आपने फूड विभाग के अधिकारी को रिश्वत देते हैं या खाद्य विभाग के अधिकारी रिश्वत लेकर राशन कार्ड बनाते हैं तो इस मामले में भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है।