Sanjiv Khanna / जानिए कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना ? जो CJI चंद्रचूड़ के बाद होंगे अगले चीफ जस्टिस

CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को भारत के 51वें CJI बनेंगे। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल छह महीने का होगा और वे मई 2025 में रिटायर होंगे। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठता परंपरा के अनुसार की गई है।

Vikrant Shekhawat : Aug 29, 2024, 12:10 PM
Sanjiv Khanna: भारत के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस चंद्रचूड़, इस साल नवंबर में रिटायर होने वाले हैं। उन्होंने 9 नवंबर 2022 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली थी और अपने लगभग दो साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जिनमें इलेक्टोरल बॉंड और अन्य प्रमुख मामलों के निर्णय शामिल हैं। 10 नवंबर 2024 को वे अपने पद से रिटायर हो जाएंगे, और इस समय, यह सवाल उठ रहा है कि उनके बाद अगला CJI कौन बनेगा।

जस्टिस संजीव खन्ना: अगले CJI के रूप में नियुक्ति

जस्टिस चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद, जस्टिस संजीव खन्ना को अगले CJI के रूप में पदभार संभालने की संभावना है। वे 11 नवंबर 2024 को भारत के 51वें CJI के रूप में पदस्थ होंगे। सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को ही मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है। इस परंपरा के तहत, जस्टिस संजीव खन्ना इस समय सबसे वरिष्ठ हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल छह महीने का होगा, और वे मई 2025 में रिटायर हो जाएंगे।

जस्टिस संजीव खन्ना की पृष्ठभूमि

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता, जस्टिस देव राज खन्ना, दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में रिटायर हुए, जबकि उनकी मां, श्रीमती सरोज खन्ना, दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरार थीं। जस्टिस खन्ना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से प्राप्त की और इसके बाद सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। कानून की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर (सीएलसी) से की।

सुप्रीम कोर्ट में करियर और योगदान

जनवरी 2019 में जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति प्राप्त हुई। उनकी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति एक विवादास्पद विषय रही थी, क्योंकि उनके मुकाबले उम्र और अनुभव में 33 अन्य न्यायाधीश वरिष्ठ थे। हालांकि, इस विवाद के बाद मामला शांत हो गया और जस्टिस खन्ना को अपनी जगह मिली। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले, वे दिल्ली हाई कोर्ट में 14 वर्षों तक न्यायाधीश रहे और कराधान और वाणिज्यिक कानूनों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं।

उनके सुप्रीम कोर्ट में योगदान में कई महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं, जिनमें अप्रैल 2024 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों के क्रॉस-वैरिफिकेशन के लिए वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ एक याचिका पर की गई सुनवाई भी शामिल है।

निष्कर्ष

जस्टिस संजीव खन्ना की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में आगामी दौर की न्यायिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मोड़ होगी। उनके कार्यकाल की दिशा और उनके द्वारा लिए गए निर्णय, भारतीय न्यायपालिका की दिशा को प्रभावित करेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद, जस्टिस खन्ना के नेतृत्व में भारतीय सुप्रीम कोर्ट की नई राह प्रशस्त होगी।