विश्व / प्रतिबंधों को इतनी जल्दी हटाना वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के लिए विनाशकारी: डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एधेनॉम गेब्रियेसस ने कहा है कि भारत में पहली बार मिले डेल्टा वैरिएंट सहित कोविड-19 के अन्य चिंताजनक वैरिएंट्स के वैश्विक प्रसार में वृद्धि हुई है इसलिए प्रतिबंध हटाना वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के लिए विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, "कई देशों के पास वह विकल्प नहीं है क्योंकि उनके पास...पर्याप्त कोविड-19 वैक्सीन नहीं हैं।"

Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2021, 04:44 PM
नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) चीफ टेड्रॉस अधानोम गेब्रयासस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कोरोना प्रतिबंध जल्द हटाने को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है-डेल्टा वरिएंट सहित अन्य 'चिंताजनक' वैरिएंट्स के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना प्रतिबंध जल्दी हटाना खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा-जिन लोगों ने वैक्सीन अभी तक नहीं लगवाई हैं उनके लिए कोरोना प्रतिबंधों में ढील खतरनाक साबित हो सकती है.

कोरोना की दूसरी लहर से तकरीबन दो महीने तक बुरी तरह जूझने के बाद अब भारत में प्रतिबंधों में ढील की शुरुआत की जा चुकी है. कुछ राज्यों में प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं तो कुछ जगह पर अब भी प्रतिबंध जारी हैं.

डेल्टा स्ट्रेन अब चिंता का कारण बन रहा

इससे पहले WHO ने कहा था कि कोरोना डेल्टा स्ट्रेन अब चिंता का कारण बन रहा है. बता दें कोविड का यह स्ट्रेन सबसे पहले भारत में पाया गया था. वहीं इस वेरिएंट के दो अन्य स्ट्रेन्स के संबंध में WHO ने कहा कि WHO ने कहा फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. वायरस का B.1.617 वैरिएंट को ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट बताया गया है, क्योंकि यह तीन लिनीएज (वंश) में बंटा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले महीने पूरे स्ट्रेन को 'वीओसी' यानी वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) घोषित किया था.

तेजी से फैल सकता है यह वैरिएंट- WHO

बता दें कोरोना वायरस के भारत में पहली बार पाए गए स्वरूप बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को अब से क्रमश: ‘कप्पा’ तथा ‘डेल्टा’ से नाम से जाना जाएगा. दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों की नामावली की नई व्यवस्था की घोषणा की है जिसके तहत वायरस के विभिन्न स्वरूपों की पहचान ग्रीक भाषा के अक्षरों के जरिए होगी. यह फैसला वायरस को लेकर सार्वजनिक विमर्श का सरलीकरण करने तथा नामों पर लगे कलंक को धोने की खातिर लिया गया.