Vikrant Shekhawat : Apr 12, 2024, 08:39 AM
India-Maldives News: भारतीय पर्यटकों को वापस लुभाने के लिए मालदीव भारत के प्रमुख शहरों में रोड शो आयोजित करेगा. बता दें कि मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है. मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स ने दोनों देशों के बीच यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने पर यहां भारत के हाई कमिश्नर मुनु महावर के साथ चर्चा की. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 6 जनवरी को अपने एक्स हैंडल पर भारत के पश्चिमी तट पर प्राचीन लक्षद्वीप द्वीपों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट की थी. जिसके बाद मालदीव की तरफ से सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं. इस पर भारत की तरफ से भी मालदीव पर प्रतिक्रिया व्यक्त की गई थी.पर्यटन में छठे स्थान पर भारतविवाद के बाद देश की कई मशहूर हस्तियों सहित करोड़ों भारतीयों ने अपना रिजर्वेशन रद्द कर दिया और मालदीव जाने की प्लान कैंसल कर दिया. पर्यटन के आंकड़े दर्शाते हैं कि शीर्ष पर्यटक देश होने से, भारत का स्थान जनवरी के बाद पहले पांचवें और अब छठे स्थान पर आ गया है.मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10 अप्रैल तक, आने वाले कुल 6,63,269 पर्यटकों में से चीन 71,995 के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम, रूस, इटली, जर्मनी और भारत रहे.पर्यटन को बढ़ावा देने की गुजारिशमीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माले में भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक बैठक में चर्चा के बाद, MATATO ने एक बयान में कहा कि उन्होंने पर्यटन पहल को बढ़ावा देने के लिए मालदीव में भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया है.भारतीय शहरों में रोड शोबयान के हवाले से कहा गया है, प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी महीनों में मालदीव में प्रभावशाली और यात्राओं को सुविधाजनक बनाने की योजना पर काम चल रहा है. हालांकि भारत मालदीव के लिए एक महत्वपूर्ण टुरिस्ट मार्केट बना हुआ है.मालदीव और भारत के बीच संबंधएसोसिएशन ने भारतीय हाई कमीश्नर के साथ अपनी बैठक को मालदीव और भारत के बीच मजबूत पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देने के लिए MATATO के निरंतर समर्पण का एक प्रमाण बताया. इसमें कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए परिवर्तनकारी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा.देश की संप्रभुता के लिए खतराइस राजनयिक विवाद के भड़कने से पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले नवंबर में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को देश से वापस लेने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि उनकी उपस्थिति उनके देश की संप्रभुता के लिए खतरा थी. अपने चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने घोषणा की है कि 10 मई तक सभी 88 कर्मियों की स्वदेश वापसी के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि नागरिक भी, मालदीव में मौजूद नहीं रहेगा.