Vikrant Shekhawat : Jun 27, 2022, 07:34 AM
UP: बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति लोकसभा उपचुनाव में देखा जाए तो पूरी तरह से काम आई। आजमगढ़ सीट पर शाह आलम गुड्डू जमाली को उतार कर मुस्लिम वोटों का बंटवारा कराकर सपा की राह में रोड़े बिछाते हुए खेल बिगाड़ा, तो रामपुर में उम्मीदवार न उतार पर दलित वोटों का बंटवारा रोककर भाजपा की राह आसान की।
सपा और बसपा वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ी थी। तब सपा रामपुर और आजमगढ़ दोनों सीटों पर जीती थी। आजमगढ़ में सपा मुखिया अखिलेश यादव स्वयं 6 लाख 21 हजार 578 पाकर जीते थे। माना जाता है कि इसमें यादव, मुस्लिम और दलित वोटों की हिस्सेदारी रही थी। उप चुनाव में सपा व बसपा अलग-अलग लड़ी। मायावती ने सधी हुई चाल चलते हुए आजमगढ़ सीट से शाह आलम गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा। गुड्डू मुस्लिम हैं और आजमगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में उनकी अच्छी पहचान है। यही वजह रही कि मुस्लिम और दलित वोट का अच्छा हिस्सा उनके खाते में गया।सपा का एकतरफा मुस्लिम वोट न मिलने से बिगड़ा खेल
गुड्डू जमाली को 2 लाख 66 हजार 210 वोट मिले और सपा के धर्मेंद्र यादव को 3 लाख 4089 वोट। इन दोनों वोटों को मिला दिया जाए तो 570299 होता है, जो अखिलेश को वर्ष 2019 में मिले कुल वोट से 51279 कम है। इससे साफ है कि उपचुनाव में आजमगढ़ सीट पर सपा को मुस्लिम का एकतरफा वोट न मिलने से खेल बिगड़ा। अगर ऐसा न होता तो सपा आसानी से यह सीट जीत सकती थी। मायावती ने रामपुर सीट पर पहले ही उम्मीदवार न उतार कर यह साफ कर दिया था कि वहां भाजपा व सपा की सीधी लड़ाई होगी। रामपुर में अधिकांश दलित वोट भाजपा के पास जाने की संभावना थी, नतीजे बता रहे हैं कि हुआ भी कुछ वैसा ही।
आजमगढ़ सीट पर कब कौन जीतावर्ष पार्टी वोट2019 सपा 6215782014 सपा 3403062009 भाजपा 2476482004 बसपा 2582161999 सपा 2276161998 बसपा 2490651996 सपा 1615861989 बसपा 142171 रामपुर सीट पर कब कौन जीतावर्ष पार्टी वोट2019 सपा 5591772014 भाजपा 3586162009 सपा 2307242004 सपा 2893901999 कांग्रेस 3384931998 भाजपा 2651161996 कांग्रेस 2713301991 भाजपा 213429 1989 कांग्रेस 159144
सपा और बसपा वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ी थी। तब सपा रामपुर और आजमगढ़ दोनों सीटों पर जीती थी। आजमगढ़ में सपा मुखिया अखिलेश यादव स्वयं 6 लाख 21 हजार 578 पाकर जीते थे। माना जाता है कि इसमें यादव, मुस्लिम और दलित वोटों की हिस्सेदारी रही थी। उप चुनाव में सपा व बसपा अलग-अलग लड़ी। मायावती ने सधी हुई चाल चलते हुए आजमगढ़ सीट से शाह आलम गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा। गुड्डू मुस्लिम हैं और आजमगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में उनकी अच्छी पहचान है। यही वजह रही कि मुस्लिम और दलित वोट का अच्छा हिस्सा उनके खाते में गया।सपा का एकतरफा मुस्लिम वोट न मिलने से बिगड़ा खेल
गुड्डू जमाली को 2 लाख 66 हजार 210 वोट मिले और सपा के धर्मेंद्र यादव को 3 लाख 4089 वोट। इन दोनों वोटों को मिला दिया जाए तो 570299 होता है, जो अखिलेश को वर्ष 2019 में मिले कुल वोट से 51279 कम है। इससे साफ है कि उपचुनाव में आजमगढ़ सीट पर सपा को मुस्लिम का एकतरफा वोट न मिलने से खेल बिगड़ा। अगर ऐसा न होता तो सपा आसानी से यह सीट जीत सकती थी। मायावती ने रामपुर सीट पर पहले ही उम्मीदवार न उतार कर यह साफ कर दिया था कि वहां भाजपा व सपा की सीधी लड़ाई होगी। रामपुर में अधिकांश दलित वोट भाजपा के पास जाने की संभावना थी, नतीजे बता रहे हैं कि हुआ भी कुछ वैसा ही।
आजमगढ़ सीट पर कब कौन जीतावर्ष पार्टी वोट2019 सपा 6215782014 सपा 3403062009 भाजपा 2476482004 बसपा 2582161999 सपा 2276161998 बसपा 2490651996 सपा 1615861989 बसपा 142171 रामपुर सीट पर कब कौन जीतावर्ष पार्टी वोट2019 सपा 5591772014 भाजपा 3586162009 सपा 2307242004 सपा 2893901999 कांग्रेस 3384931998 भाजपा 2651161996 कांग्रेस 2713301991 भाजपा 213429 1989 कांग्रेस 159144