News18 : Jul 26, 2020, 04:32 PM
मुंबई। आपको याद होगा मार्च में लॉकडाउन शुरू होते ही देश भर में प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के बीच अफरातफरी मच गई थी। कोरोना वायरस (Coronavirus) और बेरोजगारी के चलते लाखों प्रवासी मजदूर वापस अपने गांव लौट गए थे। लेकिन अब अनलॉक 1 और 2 आने के बाद कई कंपनियों में कामकाज़ फिर से शुरू हो गया। इकॉनमी धीमी रफ्तार के साथ पटरी पर लौटने लगी है। लेकिन दिक्कत ये है कि कंपनियों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं।
मजदूर आने को तैयार नहींमुंबई की कंपनियां उन्हें वापस लाने के लिए हवाई जहाज के टिकट फ्री में दे रही हैं। इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस भी दिए जा रहे हैं। साथ ही कंपनियां ज्यादा पैसे भी देने को तैयार हैं। इसके बावजूद मजदूर वापस लौटने के लिए तैयार नहीं दिख रहे। रियल एस्टेट डेवलपर राजेश प्रजापति ने कहा, 'हम प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि उन्हें हवाई टिकट, COVID-19 स्वास्थ्य बीमा और डॉक्टरों द्वारा साप्ताहिक चेकअप की भी सुविधा दे रहे हैं। इसके बावजूद वो आने को तैयार नहीं हैं।'
सिर्फ 30% मजदूर पहुंचेप्रॉपर्टी बाजार की एक सबसे बड़ी कंपनी हीरानंदानी ग्रुप ने लॉकडाउन के दौरान भी अपने श्रमिकों को पैसे देना जारी रखा था। लेकिन अभी भी उनके 4,500 श्रमिकों में से लगभग 30 प्रतिशत ही साइट पर लौटे हैं। समूह के अरबपति सह-संस्थापक निरंजन हीरानंदानी ने एएफपी को बताया, 'हमने उनकी देखभाल की, उनके भोजन, सुरक्षा और स्वच्छता पर ध्यान दिया और बच्चों के लिए मोबाइल क्रेच भी बनाए।'चाह कर भी नहीं लौट पा रहे हैं मजदूरऐसा नहीं कि सारे मजदूर लौटना नहीं चाहते हैं। कुछ मजदूर चाह कर भी नहीं लौट पा रहे हैं। दरअसर मुंबई जैसे शहरों अभी भी लोकल ट्रेनें आम आदमी के लिए नहीं चल रही है। सिर्फ जरूरी सेवा से जुड़े लोगों को ही इसके इस्तेमाल करने की इजाजत है। ऐसे में मजदूर शहर लौटने से डर रहे हैं। इसके अलावा देश भर में कोरोना के केस भी लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं।
मजदूर आने को तैयार नहींमुंबई की कंपनियां उन्हें वापस लाने के लिए हवाई जहाज के टिकट फ्री में दे रही हैं। इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस भी दिए जा रहे हैं। साथ ही कंपनियां ज्यादा पैसे भी देने को तैयार हैं। इसके बावजूद मजदूर वापस लौटने के लिए तैयार नहीं दिख रहे। रियल एस्टेट डेवलपर राजेश प्रजापति ने कहा, 'हम प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि उन्हें हवाई टिकट, COVID-19 स्वास्थ्य बीमा और डॉक्टरों द्वारा साप्ताहिक चेकअप की भी सुविधा दे रहे हैं। इसके बावजूद वो आने को तैयार नहीं हैं।'
सिर्फ 30% मजदूर पहुंचेप्रॉपर्टी बाजार की एक सबसे बड़ी कंपनी हीरानंदानी ग्रुप ने लॉकडाउन के दौरान भी अपने श्रमिकों को पैसे देना जारी रखा था। लेकिन अभी भी उनके 4,500 श्रमिकों में से लगभग 30 प्रतिशत ही साइट पर लौटे हैं। समूह के अरबपति सह-संस्थापक निरंजन हीरानंदानी ने एएफपी को बताया, 'हमने उनकी देखभाल की, उनके भोजन, सुरक्षा और स्वच्छता पर ध्यान दिया और बच्चों के लिए मोबाइल क्रेच भी बनाए।'चाह कर भी नहीं लौट पा रहे हैं मजदूरऐसा नहीं कि सारे मजदूर लौटना नहीं चाहते हैं। कुछ मजदूर चाह कर भी नहीं लौट पा रहे हैं। दरअसर मुंबई जैसे शहरों अभी भी लोकल ट्रेनें आम आदमी के लिए नहीं चल रही है। सिर्फ जरूरी सेवा से जुड़े लोगों को ही इसके इस्तेमाल करने की इजाजत है। ऐसे में मजदूर शहर लौटने से डर रहे हैं। इसके अलावा देश भर में कोरोना के केस भी लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं।