Vikrant Shekhawat : Jan 01, 2022, 04:58 PM
Pakistan | दुनियाभर में आतंक का पनाहगार पाकिस्तान खुद ही आतंकी हमलों से त्रस्त है। एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता शुरू होने के साथ ही पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में यकायक वृद्धि हुई है। रिपोर्ट कहती है कि अगस्त 2021 में पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए। ये वही वक्त है जब अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता शुरू हुई। पाकिस्तान में प्रति माह आतंकवादी हमलों की औसत संख्या 2020 के 16 से बढ़कर 2021 में 25 हो गई, जो 2017 के बाद सबसे अधिक थी।पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडी (PICSS) द्वारा किए गए ताजा शोध में कहा गया है कि 2021 में पाकिस्तान में सर्वाधिक आतंकी हमले हुए। महीनेवार देखा जाए तो अगस्त माह में अकेले 45 आतंकी हमले अंजाम दिए हैं।वहीं, पाकिस्तान के प्रतिष्ठित डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 10 नवंबर से 10 दिसंबर तक एक महीने के संघर्ष विराम के बावजूद आतंकवादी हमलों की कुल संख्या में कमी नहीं आई है। उधर, पाकिस्तान प्रकाशन ने कहा है कि पाकिस्तान में प्रति माह आतंकवादी हमलों की औसत संख्या 2020 में 16 से बढ़कर 2021 में 25 हो गई, जो 2017 के बाद सबसे अधिक थी।आंकड़ों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि बलूचिस्तान सबसे अशांत प्रांत रहा जहां 103 हमलों में 170 मौतें दर्ज की गईं। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक घायलों की संख्या बलूचिस्तान से भी दर्ज की गई, जहां कुल घायलों में से 50 प्रतिशत से अधिक दर्ज किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा बलूचिस्तान के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा।विशेषज्ञ इसके पीछे अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता को बताते हैं। उनका कहना है कि इसमें पाकिस्तान की भूमिका काफी अहम रही। पाकिस्तान ने सार्वजनिक रूप से क्षेत्रीय संघर्ष को समाप्त करने का समर्थन किया लेकिन अंततः किसी भी प्रकार की शांति को स्थापित नहीं कर सका क्योंकि इसके पीछे पाकिस्तान के नेताओं का निजी स्वार्थ रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का कृत्य विशेष रूप से पाकिस्तान पर उसके सैन्य और खुफिया प्रतिष्ठान पर उल्टा पड़ सकता है।