Dainik Bhaskar : Aug 15, 2019, 01:55 PM
नई दिल्ली. 73वें स्वतंत्रता दिवस से पहले सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बहादुरी दिखाने वाले वायुसेना के 7 अफसरों के लिए वीरता पुरस्कारों ऐलान किया, जबकि पांच अन्य वायुसेना अफसरों को विशिष्ट सेवा के लिए ‘युद्ध सेवा मेडल’ देने की भी घोषणा की। युद्ध सेवा मेडल पाने वाले अफसरों में एक नाम स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल का है, जो 27 फरवरी को कश्मीर में पाक विमानों की घुसपैठ के दौरान फाइटर प्लेन कंट्रोलर की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। पाक के एफ-16 फाइटर जेट के हमले नाकाम करने और उन्हें मार गिराने में विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मदद करने वाली मिंटी सैन्य इतिहास में पहली महिला होंगी, जिन्हें यह सम्मान दिया जाएगा। युद्ध सेवा मेडल युद्ध या तनाव की स्थिति में राष्ट्र के लिए विशिष्ट सेवा देने वाले सैनिकों को दिया जाता है। हालांकि, यह मेडल वीरता पुरस्कारों की श्रेणी में नहीं आता। पाक एफ-16 को खदेड़ने में मिंटी ने की थी भारतीय पायलटों की मदद26 फरवरी को एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने अगले दिन यानी 27 फरवरी को कुछ एफ-16 विमानों को कश्मीर में भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए भेजा था। पाकिस्तानी विमानों ने घुसपैठ कर हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना की मुस्तैदी से उसके मंसूबे ध्वस्त हो गए। भारत के मिग-21 और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने उन्हें खदेड़ा था। इस दौरान वह मिंटी ही थीं जो फाइटर कंट्रोलर के तौर पर पाक के लड़ाकू विमानों को खदेड़ने में पायलटों की मदद कर रही थीं। मिंटी ने पाक के एफ-16 विमानों की हलचल देखते ही भारत के मिराज और सुखोई विमानों को अलर्ट कर दिया। इसके अलावा जब अभिनंदन एफ-16 गिराने के दौरान एलओसी पार कर गए तो मिंटी ने उन्हें तुरंत लौटने के लिए कहा। हालांकि, पाक की ओर से कम्युनिकेशन जैम किए जाने की वजह से अभिनंदन उनके निर्देश नहीं सुन पाए। उनके मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट में एंटी जैमिंग तकनीक नहीं थी। ‘मिंटी की उपलब्धि तीनों सेनाओं के लिए प्रेरणा’एक सैन्य अफसर ने मिंटी की उपलब्धियों पर कहा, “फ्लाइट कंट्रोलर्स वायुसेना में अहम जिम्मेदारी निभाते हैं। वे ही तय करते हैं कि फाइटर प्लेन कभी बेड़े से दूर अकेले न उड़ें। इसके अलावा दुश्मन विमानों पर नजर रखने में भी फाइटर कंट्रोलर ही अहम भूमिका निभाते हैं। मिंटी इस मामले में काफी प्रोफेशनल हैं। उनकी सबसे बड़ी ताकत फैसले लेने और लक्ष्य को हर तरह से हासिल करने की क्षमता है। 27 फरवरी को उन्होंने यही किया। उनकी उपलब्धि तीनों सेनाओं की महिलाओं के लिए प्रेरणादायी हैं।” ‘मिंटी की उपलब्धियों पर गर्व’वायुसेना की महिला अफसरों ने भी मिंटी की इस उपलब्धि की तारीफ की। मिंटी को जानने वाली एक अफसर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, “मुझे लगता है कि वायुसेना में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है। हमारे पास फाइटर जेट उड़ाने वाली महिलाएं हैं और अब एक वायुसैनिक हैं जो युद्ध सेवा मेडल पाने वाली पहली महिला होंगी। 1990 के दौर में वायुसेना ने पहली बार महिलाओं को मौका देना शुरू किया था। इसके बाद से हम काफी लंबा सफर तय कर चुके हैं। मिंटी की उपलब्धियों पर हम सब बेहद खुश हैं।” 1990 में एयरफोर्स में शामिल हुई पहले बैच की महिला अफसर विंग कमांडर अनुपमा जोशी (रिटायर्ड) ने कहा कि धीरे-धीरे ही सही, महिलाओं ने अपने निशान छोड़ने शुरू कर दिए हैं। यह एक और बड़ी उपलब्धि है।