Viral News / मां 4 दिन तक करती रही दारू पार्टी, बंद कमरे में भूख से तड़पकर मासूम की मौत

बच्चों के​ लिए मां हर कुर्बानी देने के लिए तैयार रहती है, लेकिन रूस की एक 25 वर्षीय महिला ने अपने बच्चों के साथ ऐसा कुछ किया, आप भी जानकर हैरान रह जांएगे। वेबसाइट मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक दोस्तों के साथ दारू पार्टी करने के लिए इस महिला ने अपने 11 माह के मासूम बेटे और तीन साल की बेटी को घर में कैद कर दिया

Vikrant Shekhawat : Jun 12, 2021, 04:08 PM
Delhi: बच्चों के​ लिए मां हर कुर्बानी देने के लिए तैयार रहती है, लेकिन रूस की एक 25 वर्षीय महिला ने अपने बच्चों के साथ ऐसा कुछ किया, आप भी जानकर हैरान रह जांएगे। वेबसाइट मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक दोस्तों के साथ दारू पार्टी करने के लिए इस महिला ने अपने 11 माह के मासूम बेटे और तीन साल की बेटी को घर में कैद कर दिया। चार दिन तक भूख से तड़पते रहे बेटे की पालने में मौत हो गई, जबकि बेटी अस्पताल पहुंच गई। इस मामले में कोर्ट ने महिला को दोषी ठहराया है। 

रूस के ज्लाटाउस्ट की रहने वाली 25 वर्षीय महिला ओल्गा बाजरोवा अपने पति से अलग रहती है। उसने दोस्तों के साथ दारू पार्टी करने के लिए अपने मासूम बच्चों को ही मौत के मुंह में धकेल दिया। वह 11 महीने के बेटे सेवली और 3 साल की बेटी को घर में बंद कर पार्टी करने के लिए चली गई। चार दिन तक दोनों बच्चे घर में कैद रहे। इस दौरान ओल्गा ने बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं ली, कि उनके क्या हाल हैं।

जब पार्टी करने के बाद वह घर लौटी, तो 11 महीने का बेटा भूख और प्यास की वजह से मर चुका था, जबकि तीन साल की बेटी भी बेहद कमजोर और भयभीत थी। वह भी जिदंगी और मौत के बीच जंग लड़ रही थी। घर जाने के दौरान ओल्गा ने बच्चों की दादी से संपर्क किया था। बच्चों की दादी जब घर पहुंची, तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ओल्गा को गिरफ्तार कर लिया, जबकि बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

रूस के ज़्लाटौस्ट शहर की एक अदालत ने इस मामले में सुनवाई के दौरान ओल्गा बजरोवा को अत्यधिक क्रूरता के साथ की गई नाबालिग की हत्या का दोषी पाया और अपनी बेटी को अत्यधिक खतरे में छोड़कर मां के कर्तव्यों को पूरा करने में विफलता का दोषी पाया। 

हालांकि, बजारोवा ने शराब पीने के दौरान अपने बच्चों की उपेक्षा करने पर अदालत में "पश्चाताप" किया और कहा कि उसे अपने बच्चों को छोड़ने का "पछतावा" है, लेकिन बच्चों को मारने का उसका कोई इरादा नहीं था। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने अपने सबसे बड़े सात साल के बेटे को पार्टी करने से चार दिन पहले अपने एक दोस्त के यहां छोड़ दिया था। उसके बड़े बेटे का जन्म पहले पति से हुआ था। दूसरे पति से तीन साल की बेटी और 11 महीने का बेटा था। 

ओल्गा ने पुलिस को बताया कि उसने एक चाचा से अपने छोटे बच्चों की देखभाल करने के लिए कहा था, लेकिन चाचा के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया गया। वहीं मुख्य अभियोजक व्लादिमीर किस्लित्सिन ने कहा कि "मां ने अपनी तीन साल की बेटी को एक खाली फ्रिज के साथ छोड़ दिया था। अपार्टमेंट में कोई बेबी फ़ूड नहीं मिला। 11 महीने का छोटा बेटा भी भूख और प्यास से मर गया।"

अदालत ने बजारोवा को 14 साल की सजा सुनाते हुए, उसे माता-पिता के अधिकारों से वंचित कर दिया गया। अब उसका बेड़ा बेटे और बेटी अपनी दादी की देखभाल में हैं। बताया गया है कि इस घटना के समय ओल्गा का पति लियोनिद बाजरोव जेल में था।