US-Russia Relations / डोनाल्ड ट्रंप ने रूस का किया समर्थन, बोले 'पुतिन समझौता होने पर निभाएंगे अपना वादा'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्वास जताया कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में किसी भी युद्ध विराम का पालन करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि वह पुतिन को जानते हैं और उन पर भरोसा कर सकते हैं। स्टार्मर ने शांति समझौते की स्थायित्व पर जोर दिया।

US-Russia Relations: अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा तेज हो गई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर भरोसा है कि वे किसी भी युद्धविराम का पालन करेंगे। ट्रंप का यह बयान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ बैठक के दौरान आया, जिससे वैश्विक कूटनीति में नई हलचल पैदा हो गई है।

पुतिन पर ट्रंप का भरोसा

ओवल ऑफिस में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जब पुतिन के वादों की विश्वसनीयता पर सवाल उठा, तो ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि वह अपना वचन निभाएंगे। मैंने उनसे बात की है, मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं, मुझे नहीं लगता कि वह अपना वचन तोड़ेंगे।" ट्रंप ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के किसी भी समझौते को लेकर पुतिन पर भरोसा कर सकते हैं।

ब्रिटेन के साथ अमेरिका का अटूट संबंध

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप ने यह भी दोहराया कि अमेरिका और ब्रिटेन के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं। उन्होंने कहा, "ब्रिटेन अपना ख्याल खुद रख सकता है, लेकिन अगर उन्हें मदद की जरूरत है, तो मैं हमेशा ब्रिटेन के साथ रहूंगा।" यह बयान ब्रिटेन और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों को रेखांकित करता है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक सुरक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

शांति समझौते पर स्टार्मर का रुख

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस बैठक में अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि "शांति समझौता स्थायी हो और इसका कोई उल्लंघन न करे।" इसके साथ ही ब्रिटेन और फ्रांस ने यूक्रेन में शांति सेना तैनात करने की पेशकश की है, लेकिन इसके लिए अमेरिका से हवाई और उपग्रह निगरानी तथा संभावित हवाई शक्ति की गारंटी की मांग की है।

वैश्विक प्रभाव और कूटनीतिक संभावनाएं

ट्रंप के इस बयान से अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में कई नए सवाल खड़े हो गए हैं। पुतिन को लेकर ट्रंप का यह विश्वास पश्चिमी देशों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं ला सकता है, क्योंकि कई देशों को अब भी रूस की नीयत पर संदेह है। अमेरिका में भी इस बयान को लेकर बहस हो सकती है, खासकर उन नीतिगत विशेषज्ञों के बीच जो रूस के प्रति सख्त रुख अपनाने के पक्षधर हैं।

इस बीच, ट्रंप की ब्रिटेन यात्रा भी चर्चा का विषय बनी हुई है। ब्रिटिश सम्राट चार्ल्स तृतीय की ओर से ट्रंप को राजकीय यात्रा का निमंत्रण दिया गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। यह दौरा अमेरिका-ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

ट्रंप का पुतिन पर भरोसा जताना और ब्रिटेन के प्रति समर्थन व्यक्त करना एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संकेत है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अमेरिका और ब्रिटेन मिलकर यूक्रेन संकट के समाधान के लिए प्रयासरत हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वास्तव में कोई शांति समझौता होता है और यदि होता है, तो क्या पुतिन अपने वादे पर कायम रहते हैं या नहीं।