US-Russia Relations / रूस से अमेरिका की करीबी बन सकती है ईरान के लिए संकट- क्या कह रहे हैं जानकार?

यूक्रेन युद्ध में शांति वार्ता के दौरान अमेरिका और रूस की नजदीकियां बढ़ रही हैं, जिससे ईरान चिंतित है। ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका-रूस संबंधों में सुधार दिख रहा है, जिससे रूस ईरान से दूरी बना सकता है। यदि रूस युद्ध विराम को स्वीकार करता है, तो ईरान को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

Vikrant Shekhawat : Mar 15, 2025, 11:19 AM

US-Russia Relations: यूक्रेन युद्ध के चलते अब तक एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे अमेरिका और रूस अब अप्रत्याशित रूप से करीब आते दिख रहे हैं। इस बदले समीकरण में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना उनके प्रमुख चुनावी वादों में से एक है। यही कारण है कि ट्रंप प्रशासन इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।

ट्रंप की पहल और रूस-अमेरिका संवाद

डोनाल्ड ट्रंप, जो कभी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे थे, अब यूक्रेन मुद्दे को लेकर पुतिन से बातचीत कर चुके हैं। इसके अलावा, हाल ही में सऊदी अरब में अमेरिकी डेलिगेशन की रूसी अधिकारियों के साथ मुलाकात भी इस ओर इशारा करती है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में नया मोड़ आ रहा है। यह समीकरण वैश्विक स्तर पर कई बदलावों को जन्म दे सकता है, जिनमें सबसे बड़ा प्रभाव मध्य पूर्व पर पड़ने की संभावना है।

ईरान के लिए खतरे की घंटी

रूस और अमेरिका की बढ़ती नजदीकियां जहां कई देशों के लिए लाभदायक हो सकती हैं, वहीं ईरान के लिए यह एक बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं। रूसी मूल की पत्रकार और फिल्म निर्माता तान्या लुक्यानोवा का मानना है कि अमेरिका-रूस के बीच सुधरते संबंधों का नतीजा यह हो सकता है कि मास्को अब तेहरान से दूरी बनाने लगे।

लुक्यानोवा ने "आई फॉर ईरान" पॉडकास्ट में कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि रूस अब ईरानी सैन्य सहायता में उतनी रुचि नहीं रखता है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध की स्थिति बदल रही है और अमेरिका तथा यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम के साथ भू-राजनीतिक समीकरण भी परिवर्तित हो रहे हैं।" गौरतलब है कि अब तक ईरान ने रूस को यूक्रेन युद्ध में पूरी सहायता दी थी, लेकिन यदि रूस ट्रंप के समर्थन में आ जाता है, तो ईरान को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ईरान-रूस की बढ़ती नजदीकी और उसका असर

रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में वाशिंगटन और तेहरान के बीच परमाणु वार्ता में मध्यस्थता करने पर सहमति जताई थी। इससे ईरान और रूस के बीच वर्षों से बने समीकरण में बदलाव देखने को मिल सकता है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से ईरान और रूस के बीच सैन्य सहयोग बढ़ा था, जिसमें ईरान रूस के लिए एक प्रमुख सहयोगी बनकर उभरा था।

पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस ने युद्ध में ईरान से मिले ड्रोन, हथियार और मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, ईरान की सहायता से रूस अमेरिकी प्रतिबंधों को भी दरकिनार करने में सफल रहा था। लेकिन अब जब रूस और अमेरिका के बीच समीकरण बदल रहे हैं, तो ईरान के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

रूस का यूक्रेन युद्ध बंद होते ही ईरान से किनारा?

अगर रूस ट्रंप की पहल को स्वीकार करता है और अमेरिका के साथ अपने संबंध मजबूत करता है, तो यह संकेत हो सकता है कि रूस अब ईरान के साथ पहले जैसी मजबूती से खड़ा नहीं रहेगा। इसका ईरान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में वह रूस और चीन के साथ व्यापार पर निर्भर है।

ईरान पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और यदि रूस उससे दूर हो जाता है, तो यह संकट और गहरा सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले महीनों में वैश्विक राजनीति किस दिशा में मुड़ती है और अमेरिका-रूस की इस नई दोस्ती का ईरान पर क्या प्रभाव पड़ता है।