NavBharat Times : Sep 11, 2019, 10:34 AM
गांधीनगर. केंद्र सरकार द्वारा मोटर वीइकल्स ऐक्ट में संशोधन के महज 10 दिन बाद गुजरात सरकार ने मंगलवार को कई जुर्माने घटा दिए। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर केंद्र के बढ़ाए जुर्माने को राज्य सरकार ने 25% से 90% तक कम कर दिया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इसके लिए मानवीय आधार को कारण बताया है। माना जा रहा है कि इसे देखने के बाद अब दूसरे राज्य भी जुर्माना घटा सकते हैं। बता दें कि नए मोटर वीइकल ऐक्ट में राज्यों को कुछ जुर्माने घटाने का अधिकार दिया गया है।कई और राज्य घटाएंगे जुर्माना?गुजरात में नए जुर्माने 16 सितंबर से लागू होंगे। हालांकि, सरकार ने शराब पीकर गाड़ी चलाने और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने का जुर्माना नहीं बदला है क्योंकि इनमें बदलाव का प्रावधान नहीं दिया गया है। बता दें कि अभी तक यह ऐक्ट कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के अलावा गुजरात में लागू नहीं हुआ था। कर्नाटक सरकार का भी कहना है कि अगर दूसरे राज्य जुर्माना कम करते हैं, तो वहां भी विचार किया जाएगा।कई राज्य पहले से नाराज
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने पहले ही जुर्माने की रकम में इतने बड़े इजाफे पर सवाल उठा चुके हैं। राजस्थान सरकार ने नया कानून तो लागू कर दिया, लेकिन जुर्माने की बढ़ी रकम पर विचार करने की बात कही। बता दें, एमपी और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, जबकि पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस शासित है।'जान गई, तो नरमी नहीं'इस बारे में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि उनकी सरकार का लक्ष्य ज्यादा जुर्माना लेना या लोगों के खिलाफ केस दर्ज करना नहीं था। रुपाणी ने कहा, 'नए कानून को बिना कड़ी सजा दिए लागू करना मुमकिन नहीं है। हमने मानवीय रुख अपनाया है और जुर्माना कम किया है। ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जाएगी जहां लोगों की जान चली गई हो। जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।'इन अपराधों का घटा जुर्मानागुजरात सरकार ने ऐसे मामलों में जुर्माना घटाया है जिनमें राज्य सरकार के पास उन अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार है, जो स्पॉट पर ही जुर्माना लेकर व्यक्ति को जाने दे सकते हैं। इनमें सीट बेल्ट या हेल्मेट नहीं पहनना, दोपहिया पर ट्रिपलिंग, स्पीडिंग, बिना पलूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइवर्स लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने जैसे अपराध शामिल हैं।मिडिल क्लास का ध्यानबता दें कि नए मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत राज्य नाबालिगों के गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और सिग्नल तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने को बदल नहीं सकते और इसलिए, गुजरात में भी इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, सरकार ने सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाने पर जुर्माना कम कर दिया है। यह मामला कोर्ट में सुलझाए जाने वाले मामलों में आता है। इसके अलावा दोपहिया पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेल्मेट नहीं पहनने पर जुर्माना हटा दिया गया है। रुपाणी ने बताया कि अक्सर मिडिल क्लास परिवार में पत्नी और बच्चे दोपहिया पर चलते हैं, इसलिए इस नियम में नरमी बरती गई है।यह होंगे नए फाइनमाना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद से चल रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। नए नियमों के तहत हेलमेट या सीट बेल्ट पर 1000 रुपये का जुर्माना दिया जाना है, जबकि गुजरात में इसे 500 रुपये कर दिया गया है। दमकल की गाड़ी या ऐम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर 10,000 रुपये की जगह 1,000 रुपये, दोपहिया पर ट्रिपलिंग के लिए 1,000 की जगह 100 रुपये जुर्माना कर दिया गया है।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने पहले ही जुर्माने की रकम में इतने बड़े इजाफे पर सवाल उठा चुके हैं। राजस्थान सरकार ने नया कानून तो लागू कर दिया, लेकिन जुर्माने की बढ़ी रकम पर विचार करने की बात कही। बता दें, एमपी और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, जबकि पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस शासित है।'जान गई, तो नरमी नहीं'इस बारे में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि उनकी सरकार का लक्ष्य ज्यादा जुर्माना लेना या लोगों के खिलाफ केस दर्ज करना नहीं था। रुपाणी ने कहा, 'नए कानून को बिना कड़ी सजा दिए लागू करना मुमकिन नहीं है। हमने मानवीय रुख अपनाया है और जुर्माना कम किया है। ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जाएगी जहां लोगों की जान चली गई हो। जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।'इन अपराधों का घटा जुर्मानागुजरात सरकार ने ऐसे मामलों में जुर्माना घटाया है जिनमें राज्य सरकार के पास उन अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार है, जो स्पॉट पर ही जुर्माना लेकर व्यक्ति को जाने दे सकते हैं। इनमें सीट बेल्ट या हेल्मेट नहीं पहनना, दोपहिया पर ट्रिपलिंग, स्पीडिंग, बिना पलूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइवर्स लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने जैसे अपराध शामिल हैं।मिडिल क्लास का ध्यानबता दें कि नए मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत राज्य नाबालिगों के गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और सिग्नल तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने को बदल नहीं सकते और इसलिए, गुजरात में भी इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, सरकार ने सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाने पर जुर्माना कम कर दिया है। यह मामला कोर्ट में सुलझाए जाने वाले मामलों में आता है। इसके अलावा दोपहिया पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेल्मेट नहीं पहनने पर जुर्माना हटा दिया गया है। रुपाणी ने बताया कि अक्सर मिडिल क्लास परिवार में पत्नी और बच्चे दोपहिया पर चलते हैं, इसलिए इस नियम में नरमी बरती गई है।यह होंगे नए फाइनमाना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद से चल रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। नए नियमों के तहत हेलमेट या सीट बेल्ट पर 1000 रुपये का जुर्माना दिया जाना है, जबकि गुजरात में इसे 500 रुपये कर दिया गया है। दमकल की गाड़ी या ऐम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर 10,000 रुपये की जगह 1,000 रुपये, दोपहिया पर ट्रिपलिंग के लिए 1,000 की जगह 100 रुपये जुर्माना कर दिया गया है।