Vikrant Shekhawat : Mar 26, 2021, 11:26 AM
यंगून: म्यांमार (Myanmar) की सेना ने क्रूरता की सभी सीमाएं पार करते हुए एक सात वर्षीय बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। सेना के आदेश पर प्रदर्शनकारियों को कुचलने पहुंची पुलिस (Police) पहले घर का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई फिर पिता की गोद में बैठी बच्ची के सिर में गोली दाग दी। मृतक खिन मायो चित (Khin Myo Chit) प्रदर्शनकारियों पर की गई कार्रवाई में जान गंवाने वाली सबसे कम उम्र की पीड़िता है। गौरतलब है कि पुलिस की गोलीबारी में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। जवाब सुनते ही भड़की PoliceCNN की रिपोर्ट के अनुसार, मृतका के पड़ोसी सुमाया ने बताया कि पुलिस मांडले शहर में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की तलाश कर रही थी। इस दौरान, कुछ पुलिस वाले आए और लात मारकर खिन के घर का दरवाजा तोड़ दिया। इसके बाद वह दनदनाते हुए अंदर दाखिल हो गए। पुलिसकर्मियों ने मृतक के पिता से पूछा कि क्या कोई बाहर प्रदर्शन के लिए गया था? जब बच्ची के पिता ने इसका जवाब ना में दिया, तो पुलिस वाले भड़क गए।अब तक 20 बच्चों की गई जानपुलिसकर्मियों ने बच्ची के पिता पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए मार-पिटाई की। यह देखकर खिन मायो चित अपने पिता की गोद में जाकर बैठ गई। इसके बावजूद पुलिस वालों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जिसमें से एक गोली बच्ची को लगी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना की गोलीबारी में 20 बच्चों की जाने जा चुकी है।EU और अमेरिका ने लगाया Banम्यांमार में सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट किया था। तब से अब तक हर रोज प्रदर्शन हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं। सेना ने आंग सान सूची सहित सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर रखा है और वो उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है। सेना का दावा है कि नवंबर में हुए चुनाव में धांधली हुई थी। इसी के आधार पर एक साल का आपातकाल लगाया गया है। वहीं, यूरोपियन यूनियन और अमेरिका ने तख्तापलट में शामिल लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। इन लोगों में सैन्य सरकार के प्रमुख और सेना के कमांडर इन चीफ जनरल मिन आन्ग लायंग का नाम भी शामिल है।