विदेश / मानवाधिकारों के हनन को लेकर अमेरिका ने चीन, उत्तर कोरिया और म्यांमार पर लगाए प्रतिबंध

संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन, म्यांमार, उत्तर कोरिया और बांग्लादेश से जुड़े दर्ज़नों लोगों व संस्थाओं पर मानवाधिकार संबंधी प्रतिबंध लगाए हैं। इसमें बताया गया कि कार्रवाई अन्य देशों के लिए संदेश है कि 'उनके खिलाफ कार्रवाई करें जो राज्य की शक्ति का दुरुपयोग कर पीड़ा और दमन करते हैं'। एक चीनी कंपनी को भी इंवेस्टमेंट ब्लैकलिस्ट में जोड़ा गया।

Vikrant Shekhawat : Dec 12, 2021, 08:36 AM
न्यूयार्कः अमेरिका  सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर शुक्रवार को चीन, म्यांमार, उत्तर कोरिया और बांग्लादेश के 15 लोगों और 10 कंपनियों पर आर्थिक व यात्रा कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। वित्त विभाग द्वारा की गई घोषणा में एक चीनी कंपनी पर भी निवेश प्रतिबंध लगाया गया है जो सरकार की बड़े पैमाने पर निगरानी की कथित कार्रवाई से जुड़ी हैं। अमेरिका ने जिन कंपनियों या लोगों पर प्रतिबंध लगाया है उनमें चीन सरकार के दो अधिकारी, चीनी कंपनी सेंसी टाइम ग्रुप लिमिटेड शामिल भी है।

इसके अलावा अमेरिका ने कंबोडिया की सरकार और सशस्त्र बलों में चीनी सेना के बढ़ते प्रभाव का हवाला देते हुए दक्षिण पूर्वी एशियाई देश पर हथियार प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। रक्षा संबंधी वस्तुओं और सेवाओं पर विदेश एवं वाणिज्य मंत्रालयों द्वारा जारी किए गए अतिरिक्त प्रतिबंध गुरुवार को प्रकाशित और प्रभावी होंगे। फेडरल रजिस्टर में कहा गया है कि कंबोडिया में घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों के विपरीत हैं।

प्रतिबंध का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कंबोडिया की सेना और सैन्य खुफिया सेवाओं को रक्षा संबंधी सामग्रियों की आपूर्ति अमेरिका सरकार की अग्रिम समीक्षा के बिना उपलब्ध नहीं हों। ये हालिया प्रतिबंध कंबोडिया की सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने और चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ अमेरिकी वित्त मंत्रालय द्वारा नवंबर में जारी प्रतिबंध के आदेश के बाद लगाए गए हैं।

अमेरिका की सरकार ने मानवाधिकारों के हनन, भ्रष्टाचार और अन्य अस्थिर आचरण में लिप्त कंबोडिया सरकार और उसकी सेना से जुड़ी कंपनियों से संभावित संपर्क रखने वाले अमेरिकी कारोबारियों और कंपनियों को चेतावनी देते हुए परामर्श जारी किया था। कंबोडिया ने इन प्रतिबंधों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वह इन्हें लेकर अमेरिका से चर्चा नहीं करेगा।