AajTak : Jul 02, 2020, 04:37 PM
दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में 350 से ज्यादा हाथियों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई है। इन हाथियों की मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। स्थानीय लोगों ने कहा है कि ज्यादातर हाथी जलस्रोतों के करीब मरे मिले हैं। अब बोत्सवाना की सरकार ये पता करने की कोशिश कर रही है कि इन हाथियों को जहर दिया गया है या इनकी मौत किसी अनजान बीमारी से हुई है।
उत्तरी बोत्सवाना और उसके ओकावैंगो डेल्टा में 350 से ज्यादा हाथियों के सड़े-गले शव बिखरे पड़े हैं। हाथी की पहली रहस्यमयी मौत मई महीने में हुई थी। उसके बाद कुछ दिनों के अंदर ओकवैंगो डेल्टा में 169 हाथी मर गए।डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक, जून के मध्य तक हाथियों के मरने की संख्या लगभग दोगुनी हो गई। इनमें से 70 फीसदी हाथियों की मौत जलस्रोतों के आसपास हुई है।बोत्सवाना की सरकार ने अभी तक इन हाथियों के शवों की जांच नहीं कराई है। लेकिन ये आशंका जताई जा रही है कि इन हाथियों की मौत जहर से हुई है या फिर किसी बीमारी से।नेशनल पार्क रेसक्यू के निदेशक डॉ। निएल मेक्केन ने बताया कि ऐसा कई सालों के बाद देखने को मिला है कि इतनी ज्यादा संख्या में हाथियों की मौत हुई है। आमतौर पर सूखा पड़ने पर हाथियों की ऐसी मौत होती है लेकिन इस समय इतने मौतों का कारण समझ में नहीं आ रहा है।देश और दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने बोत्सवाना की सरकार से अपील की है कि हाथियों के शवों की जांच कराई जाए ताकि पता चल सके कि कहीं कोई नई बीमारी तो नहीं फैली है। वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि कहीं हाथियों की मौत के बाद कोई बीमारी इंसानों में न फैलने लगे।
उत्तरी बोत्सवाना और उसके ओकावैंगो डेल्टा में 350 से ज्यादा हाथियों के सड़े-गले शव बिखरे पड़े हैं। हाथी की पहली रहस्यमयी मौत मई महीने में हुई थी। उसके बाद कुछ दिनों के अंदर ओकवैंगो डेल्टा में 169 हाथी मर गए।डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक, जून के मध्य तक हाथियों के मरने की संख्या लगभग दोगुनी हो गई। इनमें से 70 फीसदी हाथियों की मौत जलस्रोतों के आसपास हुई है।बोत्सवाना की सरकार ने अभी तक इन हाथियों के शवों की जांच नहीं कराई है। लेकिन ये आशंका जताई जा रही है कि इन हाथियों की मौत जहर से हुई है या फिर किसी बीमारी से।नेशनल पार्क रेसक्यू के निदेशक डॉ। निएल मेक्केन ने बताया कि ऐसा कई सालों के बाद देखने को मिला है कि इतनी ज्यादा संख्या में हाथियों की मौत हुई है। आमतौर पर सूखा पड़ने पर हाथियों की ऐसी मौत होती है लेकिन इस समय इतने मौतों का कारण समझ में नहीं आ रहा है।देश और दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने बोत्सवाना की सरकार से अपील की है कि हाथियों के शवों की जांच कराई जाए ताकि पता चल सके कि कहीं कोई नई बीमारी तो नहीं फैली है। वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि कहीं हाथियों की मौत के बाद कोई बीमारी इंसानों में न फैलने लगे।
स्थानीय लोगों ने बताया है कि उन लोगों ने हाथियों को गोल घेरे में घूमते देखा है। हाथी ऐसा तब करते हैं जब वे देख नहीं पाते। उनकी दृष्टि तब बाधित होती है जब वो बीमार हों या फिर उन्हें किसी ने जहर दे दिया हो। इन दोनों वजहों से उनका नर्वस सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है।डॉ। मेक्केन ने कहा कि अगर आप हाथियों के शवों के गिरने की स्थिति को देखेंगे तो पता चलेगा कि कुछ हाथियों की मौत बेहद जल्दी हुई है। क्योंकि वो सीधे खड़े-खड़े मुंह के बल गिरे पड़े हैं। जबकि, कुछ हाथियों की मौत धीरे-धीरे हुई है। इसलिए ये बता पाना मुश्किल है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ है?बोत्सवाना के वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ। सिरिल ताओलो ने कहा कि हमें हाथियों की मौत की खबर है। हम 350 हाथियों में से 280 के मौत की पुष्टि करते हैं। बाकी की पुष्टि के लिए काम चल रहा है।दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में हाथियों की आबादी 80 हजार से 1।30 लाख के बीच है। हालांकि शिकार के कारण हाथियों की संख्या में कमी भी आई है। लेकिन अगर कोई बीमारी हाथियों की इस तरह से जान ले रही है तो ये बेहद खतरनाक स्थिति है।Heartbreaking 💔
— animals_innocent_creatures (@AnimalsInnocent) July 1, 2020
More than 350 elephants drop dead in mysterious mass 'die off' clustered around water holes in Botswana's Okavango Delta
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The carcasses are yet to be tested for pathogens or poison despite the first dying in EARLY MAY. https://t.co/tiSGyisEpB pic.twitter.com/xgFCEZ6nIP