Vikrant Shekhawat : Aug 28, 2020, 09:37 PM
- मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है पीएमजेडीवाई - वित्त मंत्री
- पीएमजेडीवाई के तहत अब तक 40.35 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग से जोड़ा गया, कुल रकम 1.31 लाख करोड़ रुपये
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल से जून 2020 के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल 30,705 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं
- लगभग 8 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त करते हैं
- किफायती मूल्य पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना
- लागत घटाने और पहुंच को व्यापक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग
- बैंकिंग पहुंच से दूर रहने वाले लोगों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करना - न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना, केवाईसी, ई-केवाईसी नियमों में ढील देना, शून्य खाता शेष और शून्य शुल्क के साथ शिविर मोड में खाता खोलना।
- असुरक्षित को सुरक्षित करना - 2 लाख रुपये के मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना।
- वित्त पोषण की सुविधा - सूक्ष्म बीमा, उपभोग के लिए ओवरड्राफ्ट, माइक्रो-पेंशन और माइक्रो-क्रेडिट जैसे अन्य वित्तीय उत्पाद
- बैंकिंग सेवाओं- शाखा एवं बीसी तक सार्वभौमिक पहुंच।
- प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ मूल बचत बैंक खाता।
- वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम- बचत को बढ़ावा देना, एटीएम का उपयोग, ऋण के लिए तैयार होना, बीमा एवं पेंशन का लाभ उठाना, बैंकिंग के लिए बेसिक मोबाइल फोन का उपयोग करना।
- क्रेडिट गारंटी फंड तैयार करना- डिफॉल्ट होने की स्थिति में बैंकों को कुछ गारंटी प्रदान करना।
- बीमा- 15 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 के बीच खोले गए खातों पर 1,00,000 रुपये तक दुर्घटना कवर और 30,000 रुपये का जीवन कवर प्रदान करना।
- असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना।
- खोले गए सभी खाते बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली से संबद्ध ऑनलाइन खाते हैं जबकि पहले वेंडर के साथ लॉक-इन प्रौद्योगिकी वाले ऑफलाइन खाते खोले जाते थे।
- रूपे डेबिट कार्ड या आधार समर्थित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के माध्यम से अंतर-संचालन की सुविधा।
- फिक्स्ड पॉइंट बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स।
- केवाईसी की बोझिल औपचारिकताओं के स्थान पर सरलीकृत केवाईसी/ई-केवाईसी।
- यह योजना प्रत्येक परिवार के बजाय अब प्रत्येक वयस्क को बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- रूपे कार्ड बीमा – 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए पीएमजेडीवाई खातों के लिए रूपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।
- ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में वृद्धि-
- ओवरड्राफ्ट सीमा को 5,000 रुपये से दोगुना करते हुए 10,000 रुपये किया गया, 2,000 रुपये तक ओवरड्राफ्ट (बिना शर्त)।
- ओवरड्राफ्ट के लिए ऊपरी आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया।
- 19 अगस्त 2020 के अनुसार पीएमजेडीवाई खातों की कुल संख्या: 40.35 करोड़, ग्रामीण पीएमजेडीवाई खाते: 63.6 प्रतिशत, महिला पीएमजेडीवाई खाते: 55.2 प्रतिशत।
- योजना के पहले वर्ष के दौरान 17.90 करोड़ पीएमजेडीवाई खाते खोले गए।
- पीएमजेडीवाई के तहत खातों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
- आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पीएमजेडीवाई खाते को निष्क्रिय तभी माना जाता है जब ग्राहक दो साल से अधिक समय तक खाते में कोई लेन-देन नहीं करता है।
- अगस्त 2020 में कुल 40.35 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में से 34.81 करोड़ (86.3 प्रतिशत) सक्रिय खाते हैं।
- सक्रिय खातों के प्रतिशत में लगातार हो रही वृद्धि से पता चलता है कि इनमें से अधिकतर खातों का उपयोग नियमित रूप से ग्राहकों द्वारा किया जा रहा है।
- पीएमजेडीवाई खातों के तहत कुल जमा रकम 1.31 लाख करोड़ रुपये है।
- खातों की संख्या में 2.3 गुना वृद्धि (अगस्त 2015 से अगस्त 2020) होने के साथ ही जमा रकम में 5.7 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
- प्रति खाता औसत जमा 3,239 रुपये।
- अगस्त 2015 के मुकाबले प्रति खाता औसत जमा में 2.5 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
- औसत जमा में वृद्धि खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों के बीच बचत की आदत में वृद्धि का एक अन्य संकेत है।
- पीएमजेडीवाई के खाताधारकों को जारी किए गए कुल रूपे कार्ड: 29.75 करोड़।
- समय के साथ-साथ रूपे कार्ड की संख्या और उसकी उपयोगिता बढ़ रही है।
8. पीएमजेडीवाई महिला लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी)
माननीय वित्त मंत्री द्वारा 26 मार्च 2020 को की गई घोषणा के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के महिला खाताधारकों के खातों में तीन महीनों (अप्रैल 2020 से जून 2020) के दौरान 500 रुपये प्रति माह रकम जमा कराई गई। अप्रैल 2020 से जून 2020 के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल मिलाकर 30,705 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।
9. निर्बाध डीबीटी लेन-देन सुनिश्चित करना:
बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लगभग 8 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारकों ने सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पात्र लाभार्थियों को समय पर उनका डीबीटी प्राप्त हो, विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न अन्य मंत्रालयों के परामर्श से डीबीटी के विफल होने के संभावित कारणों की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस संबंध में बैंकों और एनपीसीआई के साथ नियमित तौर पर निगरानी की जाती है। अपरिहार्य कारणों से डीबीटी के विफल होने की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। डीबीटी के विफल होने की संख्या अप्रैल 2019 में 5.23 लाख (0.20 प्रतिशत) थी जो घटकर जून 2020 में 1.1 लाख (0.04 प्रतिशत) रह गई।
10. आगे की राह
- पीएमजेडीवाई खाताधारकों का सूक्ष्म बीमा योजनाओं के तहत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। पात्र पीएमजेडीवाई खाताधारकों को पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत कवर करने के लिए कहा जाएगा। इस संबंध में बैंकों को पहले ही सूचित किया जा चुका है।
- पीएमजेडीवाई खाताधारकों के बीच रूपे डेबिट कार्ड के उपयोग सहित डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके लिए देश भर में उपयुक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
- माइक्रो-क्रेडिट और सूक्ष्म निवेश जैसी फ्लेक्सी आवर्ती जमा आदि तक पीएमजेडीवाई खाताधारकों की पहुंच में सुधार लाने की कोशिश की जाएगी।