विश्व / नवाज शरीफ का देश छोड़ने से इनकार; पार्टी ने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री सरकार के आगे नहीं झुकेंगे

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने जमानत मिलने के बावजूद इलाज के लिए देश से बाहर जाने से इनकार कर दिया। इमरान खान सरकार और सेना चाहते हैं कि नवाज को इलाज के बहाने पाकिस्तान से बाहर भेज दिया जाए। इसकी वजह मौलाना फजलुर रहमान के आजादी मार्च को कमजोर करना है। नवाज की पार्टी पीएमएल-एन इस मार्च को समर्थन दे रही है। सरकार और सेना इससे खौफजदा हैं।

Dainik Bhaskar : Oct 27, 2019, 06:28 PM
इस्लामाबाद | पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने जमानत मिलने के बावजूद इलाज के लिए देश से बाहर जाने से इनकार कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान सरकार और सेना चाहते हैं कि नवाज को इलाज के बहाने पाकिस्तान से बाहर भेज दिया जाए। इसकी वजह मौलाना फजलुर रहमान के आजादी मार्च को कमजोर करना है। नवाज की पार्टी पीएमएल-एन इस मार्च को समर्थन दे रही है। सरकार और सेना इससे खौफजदा हैं। शनिवार देर रात विशेष सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने नवाज को अल अजीजिया केस में जमानत दे दी। लाहौर हाईकोर्ट पहले ही उन्हें चौधरी शुगर मिल केस में बेल दे चुका है। 

अपने अस्पताल में कराएंगे इलाज

नवाज की हालत बेहद गंभीर है। शनिवार को उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा। इसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने देर रात उनकी जमानत मंजूर की। सेना और सरकार चाहते हैं कि नवाज इलाज के लिए विदेश चले जाएं ताकि उनकी लोकप्रियता का लाभ मौलाना आजादी मार्च में न उठा सकें। नवाज इस बात को जानते हैं। उनके पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि नवाज अपने रायविंड मेडिकल कॉलेज में ही उपचार कराएंगे। वो सरकार की साजिश को समझते हैं। लिहाजा, हालात कुछ भी हों, वे फिलहाल पाकिस्तान नहीं छोड़ेंगे। 

अब भी सर्वाधिक लोकप्रिय नेता

‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा अच्छी तरह जानते हैं कि नवाज शरीफ अब भी मुल्क के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। अगर वे आजादी मार्च के वक्त देश से बाहर चले गए तो सरकार मौलाना के आंदोलन को काफी हद तक कमजोर करने में कामयाब हो जाएगी। यही वजह है कि बेहद खराब सेहत के बावजूद पाकिस्तान छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनके सामने मुल्क से बाहर जाने का प्रस्ताव रखा भी गया था लेकिन नवाज और उनकी पार्टी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। खराब सेहत के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में रखने की वजह से पहले इमरान और सेना की कड़ी आलोचना हो रही है।