निवाई व नोखा में जीती एनसीपी / एनसीपी की जीत पर कार्यकर्ताओं में उत्साह, जीत का श्रेय दिया कार्यकर्ताओं को

नेश​नलिस्ट कांग्रेस पार्टी राकांपा ने राजस्थान में दो पालिका बोर्ड पर कब्जा जमाया है। पूरे राजस्थान में एनसीपी के 46 पार्षद जीते हैं। पहली बार एनसीपी ने इतना प्रभावी प्रदर्शन करते हुए अपने हिस्से दो नगरपालिकाएं पाई है, जिससे कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह देखते ही बन रहा है। नोखा और निवाई नगरपालिका बोर्ड पर काबिज होने की खुशी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के चेहरों पर साफ झलक रही है।

Vikrant Shekhawat : Jan 31, 2021, 04:41 PM
जयपुर । नेश​नलिस्ट कांग्रेस पार्टी राकांपा ने राजस्थान में दो पालिका बोर्ड पर कब्जा जमाया है। पूरे राजस्थान में एनसीपी के 46 पार्षद जीते हैं। पहली बार एनसीपी ने इतना प्रभावी प्रदर्शन करते हुए अपने हिस्से दो नगरपालिकाएं पाई है, जिससे कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह देखते ही बन रहा है। नोखा और निवाई नगरपालिका बोर्ड पर काबिज होने की खुशी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के चेहरों पर साफ झलक रही है। 


एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष उम्मेदसिंह चम्पावत ने जीत का श्रेय अपने कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा है कि चुने जाने के बाद जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना हमारी प्राथमिकता होगी। चम्पावत ने जनता का आभार जताते हुए कहा है कि उन्होंने एनसीपी पर अपना भरोसा जताया और उनके प्रतिनिधि निश्चित तौर पर उनके भरोसे पर खरे उतरेंगे। एनसीपी के जयपुर कार्यालय पर भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। चम्पावत ने कहा है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार की जनहितैषी राजनीति के चलते ही महाराष्ट्र समेत पूरे देश में एनीसीपी की अनूठी पैठ है। एनसीपी के प्रति टोंक जिले की निवाई और बीकानेर की नोखा सीट पर जनता ने जो प्रेम और विश्वास जताया है। उसके लिए हम जनता का आभार जताते हैं और आने वाले पांच साल तक उनकी सेवा करेंगे।

मीडिया प्रभारी एवं अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष निज़ाम मोहम्मद रंगरेज ने बताया कि पूरी टीम ने अच्छा प्रयास किया है, जिसका नतीजा हमें प्रभावी रूप से मिला। टोंक जिला प्रभारी मारूफ हुसैन मुल्तानी ने बताया कि बड़ी पार्टियां जनता की नजर से उतर चुकी है और अब उन्हें एनसीपी में विश्वास जगा है। हमारे चुने गए जनप्रतिनिधि समर्पित भाव से जनता की सेवा करेंगे ताकि हम जनता के विश्वास पर खरा उतर सकें। दिलीप इसरानी ने भी पार्टी की जीत पर खुशी जताते हुए कहा है कि पार्टी अब उप चुनावों में भी समर्पित प्रयास करेगी।


90 निकाय चुनाव में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पार्टी ने 123 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। आश्चर्यजनक रूप से एनसीपी के करीब चालीस प्रतिशत प्रत्याशियों ने जीत हासिल करके यह साबित कर दिया है कि अब प्रदेश में एक और राष्ट्रीय पार्टी प्रभावी विकल्प के तौर पर तैयार है। प्रदेश अध्यक्ष उम्मेदसिंह चम्पावत की टीम ने बाली में बैठकर बीकानेर के नोखा और टोंक की निवाई सीट पर अपने अध्यक्ष ​काबिज कराने जितने प्रत्या​शी जिता लिए हैं। यह एनसीपी की एक बड़ी सफलता है। अब अगला लक्ष्य 4 विधानसभा सीटों के उप चुनाव हैं। देखने वाली बात यह है कि एनसीपी यहां के लिए क्या रणनीति बनाती हैं। 


किस पार्टी के कितने उम्मीदवार

कुल 3035 सीटों पर चुनाव हुए हैं। भाजपा ने 1598 पुरुषों और 939 महिलाओं समेत 2537 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। कांग्रेस ने 1651 पुरुष और 1024 महिला प्रत्याशियों समेत 2675 उम्मीदवार मैदान में उतारे। राजस्थान में अपने आपको तीसरे मोर्चे का विकल्प बता रही आरएलपी ने 89 पुरुष उम्मीदवार व 44 महिला प्रत्याशी समेत 133 सीटों पर चुनाव लड़ा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा है, जिनमें 27 पुरुष और 16 महिला उम्मीदवार उतारे। राष्ट्रीय पार्टियों में राजस्थान में हर बार विधानसभा चुनाव में तीसरे नम्बर का प्रदर्शन करने वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी 31 पुरुष व 12 महिला प्रत्याशी समेत 43 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे। इन सब में प्रभावी प्रदर्शन करते हुए एनसीपी ने अपने 123 उम्मीदवारों में से 44 महिला प्रत्याशी और 89 पुरुष उम्मीदवार उतारे थे। प्रदेश में 2861 पुरुष व 1484 महिला समेत 4345 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे। देश में एनसीपी समेत कुल आठ राष्ट्रीय पार्टियां हैं। जिनमें तृणमूल, एनपीपी ने यहां चुनाव नहीं लड़ा। एनसीपी ने 46 सीटों पर कब्जा जमाया है। अन्य जगहों पर कड़ी टक्कर दी है। फालना में उनका एक प्रत्याशी बराबर रहा, लेकिन लाटरी से हुए निर्णय में उन्हें जीत नहीं मिल पाई। प्रदेश में बीजेपी के 1140, बसपा का एक, सीपीआईएम के 4, कांग्रेस के 1197, निर्दलीय 634, आरएलपी के 13 पार्षद बने हैं।