Viral News / Corona के बीच चीन में पैदा हुई नई आफत, खतरनाक Monkey B Virus की एंट्री से फैली दहशत

चीन के वुहान (Wuhan) शहर से निकले कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनया को छुटकारा नहीं मिला है कि तब तक चीन में फिर से एक वायरस ने संक्रमण फैलाना शुरू कर दिया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बंदरों से संक्रमण फैल रहा है। इस वायरस को Monkey B Virus (BV) का नाम दिया गया है। चीन ने इस वायरस के फैलने की बात को कबूल भी कर लिया है।

Vikrant Shekhawat : Jul 18, 2021, 04:26 PM
बीजिंग: चीन के वुहान (Wuhan) शहर से निकले कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनया को छुटकारा नहीं मिला है कि तब तक चीन में फिर से एक वायरस ने संक्रमण फैलाना शुरू कर दिया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बंदरों से संक्रमण फैल रहा है। इस वायरस को Monkey B Virus (BV) का नाम दिया गया है। चीन ने इस वायरस के फैलने की बात को कबूल भी कर लिया है। 

Monkey B Virus (BV) बंदर से निकला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये वायरस बेहद घातक है। इससे संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है। यानि, अगर 100 लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं तो करीब 70 से 80 लोगों की मौत हो सकती है। इस लिहाज से कोरोना के बीच ही इस वायरस से निपटना चीन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।  

चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक राजधानी बीजिंग स्थिति एक पशु चिकित्सक में बंदर से निकले वायरस Monkey B Virus (BV) की पुष्टि की गई। इलाज के दौरान पशु चिकित्सक ने दम तोड़ दिया है। हालांकि  चीन की सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि डॉक्टर के संपर्क में आने वाले सभी लोग ठीक हैं।

चीन भले ही डॉक्टर के संपर्क में आने वाले अन्य सभी लोगों के ठीक होने का दावा कर रहा है लेकिन सवाल ये उठता है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) पर दुनिया को गुमराह करने वाले चीन की बातों पर यकीन कैसे किया जाए? कहीं चीन अभी भी कोरोना की तरह Monkey B Virus (BV) वायरस के खतरे की सच्चाई दुनिया से छिपा नहीं रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर की मौत 27 मई को हो गई थी। लेकिन अब चक चीन इसे छिपाये रहा। सवाल यह भी उठता है कि चीन ने इतनों दिनों बात डॉक्टर की मौत की पुष्टि क्यों की। कोरोना के बाद विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहे चीन को इस बार शक की नजरों से देखा जाना स्वाभाविक है।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के शुरुआती दिनों में डॉक्टर की तबीयत बिगड़ गई थी और उसे उल्टियां आनी शुरू हो गई थीं। इससे पहले लगातार उसका जी मिचला रहा था। फिलहाल डॉक्टर को हुई दिक्कत के आधार पर यही लक्षण सामने आए हैं। इस वायरस को सबसे पहले 1932 में पहचाना गया था और ये एक तरह का जीनस मैकाका के मैकाक्स में एक अल्फाहर्पीसवायरस एनजूटिक है। ये भी कोरोना वायरस की तरह ही संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है और इंसान से इंसान में भी फैलता है।