Vikrant Shekhawat : Apr 27, 2023, 02:16 PM
Anand Mohan: बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई के लिए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार ने जेल मैनुअल ही बदल दिया, फिर भी आनंद की रिहाई में जेल मैनुअल (Jail Manual) की धज्जियां उड़ा दी गईं. नियमों को ताक पर रखकर आनंद मोहन को आज सुबह साढ़े 4 बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया. कैदी की रिहाई के नियमों का पालन नहीं हुआ. कैदी को सूर्योदय के बाद छोड़ने का नियम है. कैदी को नाश्ता के बाद छोड़ने का नियम है, लेकिन आनंद मोहन को बिना नाश्ता तड़के ही छोड़ दिया गया.आनंद मोहन की रिहाई में टूटे नियमजेल मैनुअल 464 के मुताबिक, ताला बंदी के बाद या फैक्स या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से मिले प्राधिकार आदेशों पर किसी भी बंदी को किसी कारण से रिहा नहीं किया जाएगा. मुक्ति वारंट कोर्ट की तरफ से सूर्यास्त के बाद रिलीज नहीं किया जायेगा और यदि ऐसा रिलीज हो, तो अगली सुबह यथासंभव सुबह रिहाई के आदेश का पालन किया जाएगा. आमतौर पर बंदियों को सुबह का नाश्ते के हाद और यथासंभव सूर्योदय के बाद रिहा किया जाता है.जेल मैनुअल का अहम नियमइसके अलावा बंदी को अपनी किट जमा करनी होती है. रिहा किए गए बंदी के कपड़े और बिस्तर को धुलाई के लिए भेजा जाता है, जिसके बाद उन्हें दोबारा गोदाम में जमा किया जाता है. वहीं, 466 के अनुसार अगर रिहाई की तिथि रविवार को पड़ती है तो बंदी को एक दिन पहले ही शनिवार को रिहा कर दिया जाता है. बंदियों की संपत्ति और कपड़े उसके हवाले कर दिए जाते हैं. आनंद मोहन की रिहाई में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं.बिहार सरकार के सचिव ने दी सफाईइस बीच, बिहार सरकार के चीफ सेक्रेटरी आमिर सुहानी ने कहा कि 27 बंदियों को छोड़ने के लिए सारे नियमों को फॉलो किया गया है. किसी को भी छूट नहीं दी गई. इसके अलावा, अन्य विनियम के तहत 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को कैदियों को रिहा किया जाता है. भारत सरकार से परामर्श लेकर राज्य सरकार बंदियों को छोड़ने का फैसला होता है. अब तक 104 ऐसे बंदियों को सजा में छूट देकर जेल से रिहा किया जा चुका है.