देश / बुलेटप्रूफ नहीं थी बस, न जवानों के पास हथियार; लापरवाही का नतीजा श्रीनगर आतंकी हमला

श्रीनगर में सोमवार की शाम सुरक्षाबलों के बस पर हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय लगातार जम्मू-कश्मीर प्रशासन से संपर्क में है। घटना को काफी गंभीर माना जा रहा है। वहीं, यह बात सामने आ रही है कि जिस बस में तीन तरफ से हमला हुआ वह बुलेटप्रूफ नहीं थी। यही नहीं, बताया जा रहा है कि बस में बैठे सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से हथियार से लैस भी नहीं थे। बहुत कम पुलिसवालों के पास हथियार थे।

Vikrant Shekhawat : Dec 14, 2021, 07:14 AM
श्रीनगर में सोमवार की शाम सुरक्षाबलों के बस पर हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय लगातार जम्मू-कश्मीर प्रशासन से संपर्क में है। घटना को काफी गंभीर माना जा रहा है। वहीं, यह बात सामने आ रही है कि जिस बस में तीन तरफ से हमला हुआ वह बुलेटप्रूफ नहीं थी। यही नहीं, बताया जा रहा है कि बस में बैठे सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से हथियार से लैस भी नहीं थे। बहुत कम पुलिसवालों के पास हथियार थे। अधिकारियों का कहना है कि घटना के विभिन्न पहलुओं को खंगाला जा रहा है। मालूम हो कि आतंकियों ने बस को रोकने के लिए टायर पर फायरिंग की। इसके बाद बस पर तीन तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई।

हमलावर किसी भी सूरत में बचने न पाए

इस कायराना हरकत को अंजाम देने वाले दहशतगर्द विदेशी हैं या स्थानीय, इसकी जांच की जा रही है। सारे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फिलहाल सुरक्षा बलों को साफ निर्देश हैं कि हमलावर किसी भी सूरत में बचने न पाए। फिलहाल गृह मंत्रालय पूरी जानकारी हासिल कर रहा है।

हाइब्रिड आतंकी हो सकते हैं शामिल

अधिकारियों ने कहा कि घटना में हाइब्रिड आतंकियों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिस तरह से हमला हुआ है उससे साफ है कि हमले के पहले व्यापक स्तर पर रेकी की गई होगी। आतंकियों को इस बात की जानकारी जरूर रही होगी कि जिस गाड़ी पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान जा रहे हैं वह बुलेटप्रूफ नहीं है। आतंकी लगातार नए टारगेट और नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है जिनका पहले आतंक से नाता नहीं रहा है। ऐसे युवा किसी आतंकी गुट में शामिल नहीं होते। उन्हें आतंकी गतिविधि के लिए हथियार व पैसा दिया जाता है। वे हमलों को अंजाम देने के बाद फिर से मुख्यधारा में लौटकर आम लोगों से घुलमिल जाते हैं। इनकी पहचान करना मुश्किल होता है।