कोरोना वायरस / कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौत की कोई सूचना नहीं मिली: केंद्र

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत की कोई सूचना नहीं दी। बकौल सरकार, इस दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में बढ़ोतरी हुई और पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग 9000 मीट्रिक-टन पहुंच गई।

Vikrant Shekhawat : Jul 21, 2021, 07:58 AM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान ऑक्सिजन की कमी से किसी के मरने की कोई सूचना किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से नहीं है। केंद्र सरकार ने यह जवाब राज्यसभा में पूछे गये एक जवाब के दौरान दिया।

सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री का दावा

सरकार से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सिजन की भारी कमी होने के कारण बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई। इसपर सरकार की ओर से स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब में कहा कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है और उनकी ओर से कोविड से हुई मौत की सूचना दी जाती है लेकिन इसमें भी ऑक्सिजन की कमी से किसी मौत की सूचना नहीं है।

सोशल मीडिया पर हो रही सरकार के इस दावे की चर्चा

सरकार के इस जवाब के बाद सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा हुई। दरअसल, कोविड की दूसरी लहर के दौरान कोरोना मरीजों के परिजनों की ऑक्सिजन के लिए भटकते हुए कई तस्वीरें आईं थीं। पूरे देश में इसकी कमी के कारण मरीजों को हो रहीं दिक्कतों को तब सरकार ने भी स्वीकारा था। ऐसे में सरकार के इस जवाब से विवाद पैदा हुआ।

राज्यों की तरफ से मौत के कारण में ऑक्सिजन की कमी का जिक्र नहीं: सूत्र

सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार ने मौत की रिपोर्ट में जिन कारणों का उल्लेख किया गया है उसी आधार पर यह रिपोर्ट दी है। इसमें ऑक्सिजन की कमी का जिक्र किसी मौत में नहीं किया गया। केंद्र सरकार के अनुसार इसका जवाब अलग-अलग राज्यों के अधिकारी ही बता सकते हैं।

एक सीनियर अधिकारी ने एनबीटी से कहा कि अगर लिखित रूप में ऑक्सिजन की कमी को मौत का कारण बताया जाता है तो यह गैर इरादतरन हत्या के केस में भी दर्ज कर हो सकता है। यही कारण है कि सिर्फ ऑक्सिजन को मौत का कारण बताना आसान नहीं है।

विपक्ष ने सरकार को चेताया, तथ्य और आंकड़े नकारना पड़ेगा भारी

दूसरी तरफ विपक्ष ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह तथ्यों और आंकड़ों को नकारे नहीं, तभी भविष्य (तीसरी लहर) का सामना किया जा सकता है। राज्यसभा में कोरोना महामारी पर चर्चा के दौरान सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने सरकार को आगाह कि अगर तथ्यों और वास्तविकताओं को नकारा जाता है तो फिर भविष्य का सामना नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऑक्सिजन सहित सभी सुविधाओं को तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार अवस्था में रखना होगा।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकारी आंकड़ों में कोविड के कारण हुईं मौतों के मामलों के अलावा जिन लोगों की कोविड के कारण मौत हुई है, सरकार को उनका भी आंकड़ा उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा राज्य स्तर, जिला स्तर और श्मशानों में अवश्य दर्ज किया जाता है।